राज्य सरकारें श्रम कानूनों से न करें छेड़छाड़ : बीएमएस

आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ(बीएमएस) ने कई राज्यों में लॉकडाउन के बीच कुछ श्रम कानूनों को खत्म करने के फैसले पर विरोध जताया है;

Update: 2020-05-11 22:32 GMT

नई दिल्ली। आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ(बीएमएस) ने कई राज्यों में लॉकडाउन के बीच कुछ श्रम कानूनों को खत्म करने के फैसले पर विरोध जताया है। बीएमएस ने कहा है कि इस वक्त मजदूर समुदाय तमाम मुसीबतों से जूझ रहा है, ऐसे वक्त में श्रम कानूनों को हटाकर मजदूरों की सेवा सुरक्षा को और कमजोर करना गलत है। बीएमएस ने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की भी मांग की है।

बीएमएस ने अपनी सभी राज्य इकाइयों से कहा है कि वे संबंधित मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर श्रम कानूनों को कमजोर करने का विरोध करें। बीएमएस ने कहा है कि लेबर सेक्टर में किसी तरह का कदम उठाने से पहले राज्य सरकारों को मजदूर संगठनों से चर्चा करनी चाहिए।

बीएमएस के महासचिव विरजेश उपाध्याय ने कहा है, "राज्य सरकारें अब तक जनता को यह समझाने में नाकाम साबित हुई हैं कि श्रम कानून कैसे आर्थिक गतिविधियों की राह में बाधा पहुंचाते हैं। कोरोनावायरस ने मजदूरों और नौकरियों के लिए असाधारण संकट की स्थिति पैदा की है। इससे आर्थिक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक समस्याएं पैदा हो गईं हैं।"

उन्होंने कहा कि राज्य इकाइयों से कहा गया है कि वे मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर आर्थिक गतिविधियों के रोडमैप और रोजगार सृजन को लेकर सवाल पूछें। विशाखापत्तनम और औरंगाबाद की घटनाएं लेबर सेक्टर की दयनीय हालत को बयां करती हैं।

बीएमएस ने सभी राज्यों इकाइयों को हेल्प डेस्क बनाने के लिए भी कहा है, ताकि प्रवासी मजदूरों की समस्याएं दूर की जा सकें।

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