उप्र की कानून-व्यवस्था पर सपा ने उठाए सवाल
उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज बाकी नहीं रही है। महिलाएं और मीडिया जिस सूबे में रहम की भीख मांगने लगें, वहां की सरकारी मशीनरी के बारे में कुछ कहने को भी नहीं बचता है;
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज बाकी नहीं रही है। महिलाएं और मीडिया जिस सूबे में रहम की भीख मांगने लगें, वहां की सरकारी मशीनरी के बारे में कुछ कहने को भी नहीं बचता है। यह आरोप राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को लिखे पत्र में लगाए गए हैं। यह पत्र उप्र के पूर्व राज्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आई.पी. सिंह ने लिखा है। सूबे में कानून-व्यवस्था की लचर हालत बयान करने के लिए शाहजहांपुर का स्वामी चिन्मयानंद मामला और उन्नाव का दुष्कर्म कांड काफी है। दोनों ही मामलों में सूबे की बेटियों को जान के लाले पड़े हैं।
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सिंह ने कहा है, "कमोबेश यही आलम घोसी से बसपा सांसद अतुल राय मामले में पीड़िता की जिंदगी की सुरक्षा का है। कुल जमा अगर देखा जाए तो यूपी पुलिस खुलेआम अपराधियों को संरक्षण दे रही है। अगर यह कहूं तो गलत नहीं होगा।''
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में सिंह ने आरोप लगाया है, "पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद मामले में तो पुलिस की संदिग्ध भूमिका साफ-साफ सबके सामने आ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अगर मामले में दखल न दिया होता तो यह केस भी फाइलों में दबा दिया जाता।"