रायपुर जिले में अब तक 3156 की मौत, प्रदेश में 16535 हुई मौतें

राजधानी सहित पूरे प्रदेश कोरोनावायरस संक्रमण की पहली दो लहरों के बाद तीसरी लहर का सामना कर रहा है वर्ष 2019 से सितंबर मैं कोरोनावायरस के पहली लहर के मामले सामने आने शुरू हुए थे 2020 में दूसरी लहर ने दस्तक दी;

Update: 2022-01-21 10:07 GMT

रायपुर। राजधानी सहित पूरे प्रदेश कोरोनावायरस संक्रमण की पहली दो लहरों के बाद तीसरी लहर का सामना कर रहा है वर्ष 2019 से सितंबर मैं कोरोनावायरस के पहली लहर के मामले सामने आने शुरू हुए थे 2020 में दूसरी लहर ने दस्तक दी और कई लोगों को जान गवानी पड़ी 24 दिसंबर 2021 से तीसरी लहर ने वायरस के तेजी से संक्रमण के साथ दस्तक दे दी है और लगभग 28 दिन का समय तीसरी लहर ने भी पार कर लिया है अब तक कि इन कोरोनावायरस की लहरों के आंकड़े को लेकर चिंता और डरा देने वाली बातें हो सकती हैं।

हालांकि प्रथम दो लहरों ने जितना परेशान किया और आम लोगों को जिस तरह की क्षति आर्थिक मानसिक परेशानी हुई उसके मुकाबले तीसरी लहर में संक्रमण से फिलहाल भयावह स्थिति तो नहीं दिख रही है परंतु चिंताजनक अवश्य है वह इसलिए क्योंकि तीसरी लहर में भी कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया है स्वास्थ्य विभाग के आईडीएसपी से मिले आंकड़े के मुताबिक अब तक तीन लहर के बाद प्रदेश में 13627 मोटे हुई थी इसमें से 6537 मौतें के कई कारण थे और शेष मौतें केवल कोरोनावायरस के संक्रमित होने के कारण हुई थी लगभग 50 फ़ीसदी कोरोना से हो रही मौतों में अधिकांश वे लोग प्रभावित हुए जिनकी उम्र अधिक थी वही रायपुर जिले के अंदर कोरोनावायरस की प्रथम द्वितीय और तृतीय लहर के पश्चात होने वाली मौत के आंकड़े में 3156 का आंकड़ा मिलता है यहां तक की 1 जनवरी 2022 से लेकर 12 जनवरी 2022 के मौत के आंकड़े के प्रतिशत का आकलन करें तो 0.17 है कुल मिलाकर अभी यह निश्चित है की प्रथम दो लहरें थका देने वाली थी डरा देने वाली थी।

परेशान कर देने वाली थी लेकिन तीसरी लहर मैं पूर्व की तैयारियों बनाए गए संसाधनों और लोगों की सतर्कता जागरूकता के कारण स्थिति नियंत्रित में दिखती है किंतु पिछले पखवाड़े से आंकड़े 5000 से नीचे नहीं है इस पर चिंता सभी को है पर विचार कोई नहीं करता आज भी बिना मास्क के लोगों का आवागमन जारी है कई सार्वजनिक स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा है कई मंचों पर कार्यक्रम चल रहे हैं शैक्षिक संस्थानों में प्रतिबंध नाम मात्र के लगा दिए गए हैं क्योंकि कई जगहों पर अभी भी विद्यार्थियों की आवाजाही जारी है इसलिए सवाल स्वभाविक है की संक्रमण रोकने का एकमात्र उपाय जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी काफी एप्लीकेबल माना है और पूरी दुनिया इसे स्वीकार करती है कि सामाजिक दूरी ही इस महामारी से सुरक्षित रख सकती है।

अमूमन रायपुर शहर के अंदर यह स्थिति फिलहाल तो दिखती नहीं है वही स्वास्थ्य के जानकार बार-बार आम लोगों से अपील करते हैं कि सामाजिक दूरी के साथ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मास्क लगाकर दिनचर्या के काम को संपादित किए जाए लेकिन वहीं पर इस तरह के आदेश को को प्रसारित करने वाले ही धज्जियां उड़ाते दिखाई पड़ रहे हैं सार्वजनिक मंचों में शुभचिंतकों के साथ अभी भी बैठ के चलती है चर्चाएं होती है और फिर संक्रमण की जानकारी मिलने पर तालाबंदी का दौर शुरू हो जाता है आने वाले दिनों में वैवाहिक कार्यक्रम आरंभ होंगी बाजार बंद करने को लेकर के दबाव बढ़ाया जा रहा है परंतु व्यापारी वर्ग तैयार नहीं है पिछले 2 वर्षों के के नुकसान के बाद इस बार व्यापारी उबरने की स्थिति में थे मगर तीसरी लहर ने फिर उन्हें एक ऐसे आर्थिक मार में  धकेल दिया है जिससे व्यापारी बचना चाहते हैं इसलिए इसलिए बाजार की तालाबंदी को स्वीकार नहीं कर रहे हैं हर मोर्चे में खासतौर पर बाजार में आम दिनों की तरह प्रक्रिया चालू है स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने दावा किया है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह और फरवरी के प्रथम सप्ताह में वायरस का संक्रमण पिक पर होगा लेकिन चेतावनी देने से सुरक्षा नहीं बनती आवश्यकता इस बात की है कि ऐसी चेतावनी को सिद्ध करने के लिए और उस पर कारगर कदम उठाने के लिए उपाय करने चाहिए

इस बारे में चर्चा के दौरान डॉक्टर सुभाष मिश्रा से बातचीत हुई जो कोरोना नियंत्रण विभाग प्रबंधक है उन्होंने उपलब्ध आंकड़े दिए हैं तीसरी लहर में अब तक कितनी मौतें हुई है उसकी जानकारी भी मिली है इसमें अब तक रायपुर जिले में सहित प्रदेश में देश देश देश देश मौतें हुई हैं डॉ मिश्रा ने बताया कि तीसरी लहर में स्थिति नियंत्रण में है फिर भी लोगों से यह उम्मीद है कि वे इसी नियंत्रण को बनाए रखेंगे और सुरक्षा के साथ जान है तो जहान है की पंक्ति को चरितार्थ करेंगे लेकिन सूत्रों के मामले में मिली जानकारी के अनुसार रायपुर शहर के अंदर कई कॉलोनी वायरस से ग्रसित है कई परिवार वायरस से संक्रमित है क्योंकि इन लोगों ने सामान्य सर्दी खांसी को भी गंभीरता से नहीं लिया है।

रायपुर शहर में फार्मेसी काउंसिल के सदस्य और दवा विक्रेता संघ के सचिव अश्विनी विग ने चर्चा में स्पष्ट संकट दिए हैं कि जो आंकड़े हैं वह केवल सामान्य है लेकिन असल में आगरे दुगना हो सकते हैं इसलिए लोगों को अभी भी लापरवाही से बचना चाहिए सुरक्षा का पूरा पालन करना चाहिए इस बार जो लक्षण हैं उसमें केवल एक अंतर है कि मरीजों को सांस लेने में तकलीफ नहीं आ रही है दूसरी लहर में स्वास्थ्य के मामले में तकलीफ के चलते कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी ऑक्सीजन वेंटिलेटर कंसंट्रेटर की मात्रा में पूरे तरह से तहलका मचा दिया था इस बार संक्रमण अधिक फैलाव इसलिए नहीं दिखा रहा क्योंकि अधिकांश लोगों ने वैक्सीनेशन करा लिया है फिर भी वैक्सीनेशन को लेकर लोगों में जागरूकता नहीं बनी है  आज भी वैक्सीनेशन करने के बाद के बाद डर दहशत की स्थिति है टीका लगाने के पहले घबराते हैं कोई तकलीफ ना पैदा हो जाए हालांकि दो वैक्सीन लगाने वालों को अब बूस्टर डोज लगाने का की प्रक्रिया चल रही है स्कूली बच्चों में भी वैक्सीनेशन का काम शुरू कर दिया गया है।

लिहाजा तीसरी लहर में संकट रोकने में वैक्सीनेशन वरदान साबित हो रहा है फिर भी लोगों को वैक्सीनेशन मजाक लगता है आखिर क्यों इस मिथक को नहीं तोड़ा जाता सवाल सिर्फ इतना है कि जागरूकता को लेकर कि वह बातें सामने नहीं आती जो आम लोगों तक पहुंचने चाहिए कई प्रकार के समाचारों में लोग वैक्सीन लगाने से घबराते दिखाई पड़ते हैं सरकारी प्रयास कर रही है लोगों को भी उम्मीद के साथ जागरूकता का परिचय देना चाहिए तभी तीसरी रह को रोका जा सकेगा अन्यथा जो आंकड़े पहली दूसरी लहर में बने थे वह पीक पर पहुंचने में फिर एक बार दोहरा दिए जाएंग।

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