स्मार्ट कार्ड दूसरे का इलाज किसी और का

मंगला चौक स्थित आशीष दंत चिकित्सालय में लगातार स्मार्ट कार्ड में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर स्वास्थ विभाग की टीम ने जांच की;

Update: 2017-09-28 13:57 GMT

बिलासपुर। मंगला चौक स्थित आशीष दंत चिकित्सालय में लगातार स्मार्ट कार्ड में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर स्वास्थ विभाग की टीम ने जांच की जिसमें मरीजों के स्मार्ट कार्ड में गड़बड़ी इलाज किसी का और स्मार्ट कार्ड से किसी और के रकम निकाले जाने पर टीम ने 6 महीने तक के लिये स्मार्ट कार्ड से इलाज करने पर बैन लगा दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नोडल अधिकारी डा.एस मुखर्जी, गिरीश दुबे शामिल थे।

स्वास्थ्य विभाग की टीम आज शाम 4 बजे मंगला चौक स्थित आशीष दंत चिकित्सालय पहुंची। जहां टीम के सदस्यों ने लगातार मिल रही शिकायतों पर जांच की तो पता चला कि स्मार्ट कार्ड में गड़बड़ी है। इससे स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आशीष दंत चिकित्सालय में 6 महीने के लिए स्मार्ट कार्ड से इलाज पर रोक लगा दी है। अब इस क्लिनिक में 5 महीने तक स्मार्ट कार्ड से उपचार नहीं होगा। इसके बाद भी गड़बड़ी पाई गई तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा कठोर कार्रवाई की जाएगी।

ज्ञात हो कि शहर में सैकड़ों निजी क्लिनिक संचालित है जहां मरीजों के स्मार्ट कार्ड में गड़बड़ी की जा रही है। निजी क्लिनिकों में इलाज के दौरान मरीजों के स्मार्ट कार्ड से अधिक वसूली की जा रही है। वहीं इलाज के बिना ही स्मार्ट कार्ड से रकम निकाली जा रही है। मरीज जब उपचार के लिए जाते हैं तो स्मार्ट कार्ड में पैसे ही नहीं बचा है। 

वहीं छोटी-छोटी जांच के नाम पर भी अधिक चार्ज निजी क्लिनिकों द्वारा लिया जा रहा है। ज्यादातर मरीजों के स्मार्ट कार्ड को जब्त कर लिया जा रहा है। जिससे लोग मजबूर वश अपना इलाज भी करा रहे हैं। शासन ने स्मार्ट कार्ड की सुविधा इलाज के लिए दी है। लेकिन हास्पिटलों में गरीबों से खिलवाड़ किया जा रहा है।

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