बोर्ड परीक्षाओं के बाजीगरी से भरे विज्ञापन जारी करने से इंकार करने पर हटाना चाहते हैं सिसोदिया

दिल्ली सरकार के प्रचार को नियमों के हवाले मना करने वाले विभाग के अब मुखिया सूचना एवं प्रचार निदेशक को हटाने के लिए पत्र लिखने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नए विवाद में आ गए हैं;

Update: 2017-06-17 23:50 GMT

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के प्रचार को नियमों के हवाले मना करने वाले विभाग के अब मुखिया सूचना एवं प्रचार निदेशक को हटाने के लिए पत्र लिखने के बाद दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया नए विवाद में आ गए हैं। सिसोदिया ने राजनिवास को भेजे अपने पत्र में कहा है कि डेंगू, मलेरिया के होर्डिंग्स को लेकर निदेशक ने उनके आदेश को नहीं माना इसलिए उन्हें इस विभाग से हटाया जाए। इस पर विपक्ष को भी अवसर मिल गया और भाजपा ने कहा कि अरविन्द केजरीवाल सरकार अहंकार सामने आने लगा है।

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिल्ली के सूचना निदेशक जयदेव सारंगी को हटाये जाने की सिफारिश पर प्रतिक्रिया देते हुये भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा है कि टॉक टू एके विवाद की सीबीआई जांच के दिन उपमुख्यमंत्री द्वारा सारंगी को उनके मनमाने निर्देश स्वीकार न करने पर हटाने की सिफारिश उपमुख्यमंत्री के अंहकार का सूचक है।

श्री तिवारी ने कहा है कि उपमुख्यमंत्री ने सूचना निदेशक को हटाने की सिफारिश केवल फेसबुक लाइव न करने के मुद्दे पर नहीं की है बल्कि हमारी जानकारी अनुसार इसका असली कारण सूचना निदेशक द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के आंकड़ों की बाजीगरी से भरे विज्ञापन जारी करने से इंकार करना है।

उन्होंने कहा कि केजरीवाल के झूठे तिलस्म अब बिखरने लगे हैं और अभी कुछ दिन पहले तक मुख्यमंत्री अपनी सरकार के कार्यों के बड़े.बड़े दावे करते थे पर निगम चुनाव की हार के बाद से वह अब नित नये ड्रामे कर जनता को फिर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री अस्पतालों का निरीक्षण कर वहां दवाइयों की उपलब्धता न होने की बात खुद ही कह रहे हैं तो आज आंगनवाड़ी के निरीक्षणों में भी उन्हें कमियां नजर आ रही हैं। अभी कुछ दिन पूर्व तक केजरीवाल सरकार बड़े.बड़े विज्ञापनों में लोगों को नि:शुल्क दवायें देने और देश की सबसे उत्कृष्ट आंगनवाड़ी सेवा के दावे करती थी।

दिल्ली की जनता मुख्यमंत्री केजरीवाल से जानना चाहती है कि आज जब वह खुद अस्पतालों, आंगनवाड़ी या अन्य सेवाओं में धांधली की बात को स्वीकार रहे हैं तब फिर जनता को झूठे प्रचार से गुमराह क्यों करते हैं?

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