केरल के लिए वित्तीय मदद को स्वीकार किया जाना चाहिए: राहुल गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि कहीं से भी बिना शर्त मिलने वाली वित्तीय मदद को स्वीकार किया जाना चाहिए क्योंकि इससे केरल के लोगों को राहत मिलेगी;
कोच्चि। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि कहीं से भी बिना शर्त मिलने वाली वित्तीय मदद को स्वीकार किया जाना चाहिए क्योंकि इससे केरल के लोगों को राहत मिलेगी।
राहुल गांधी ने यह टिप्पणी केरल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के अपने दूसरे दिन के दौरे की शुरुआत से पहले संवाददाताओं से बातचीत में कही।
कथित रूप से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार द्वारा केरल में राहत कार्यों के लिए 10 करोड़ डॉलर की राशि के प्रस्ताव को 'भारत द्वारा अस्वीकार किए जाने' से जुड़े सवाल पर राहुल ने यह जवाब दिया।
उन्होंने कहा, "मेरी निजी राय है कि किसी भी बिना शर्त दी जाने वाली राशि को दुख व पीड़ा को कम करने के लिए स्वीकार किया जाना चाहिए।"
Congress President @RahulGandhi addresses the media during his two day visit to Kerala. #RebuildingKerala pic.twitter.com/5DvaJzYaWz
केंद्र से राज्य के मदद के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि केंद्र ने वास्तव में केरल की इच्छा के अनुरूप उसकी मदद नहीं की।
राहुल ने कहा, "यह केरल का अधिकार है और उन्हें ज्यादा देना चाहिए।"
I've come here to be with the people of Kerala and make sure that the Congress party is working with them: Congress President @RahulGandhi #RebuildingKerala pic.twitter.com/Daqt3ssvRr
Everybody in this country is extremely proud of how Kerala has shown the way to the rest of the country and how they have reacted in these difficult times. #RebuildingKerala pic.twitter.com/24ZuMX4GMQ
उन्होंने कहा कि वह पीड़ित लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए राज्य में आए हैं, राजनीति करने के लिए नहीं।
राहुल गांधी मंगलवार को तिरुवनंतपुरम पहुंचे व राज्य के दक्षिणी जिले में करीब डेढ़ दर्जन शिविरों का उन्होंने दौरा किया। ये जिले बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं।
Congress President @RahulGandhi visits the damaged Cheruthoni bridge in Idukki, Kerala #RebuildingKerala pic.twitter.com/5F5paRDj8N
राहुल गांधी का उत्तरी केरल के पहाड़ी जिले वायनाड जाने का भी कार्यक्रम था लेकिन खराब मौसम की वजह से इसे रद्द कर दिया गया। इसके बजाय उन्होंने इडुक्की जाने का विकल्प चुना।