शहीद के बच्चों की स्कूल फीस नहीं दी

नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद पुलिस आरक्षक के बच्चों का स्कूल शुल्क विभाग द्वारा जमा नहीं किए जाने के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट ने जशपुर पुलिस अधीक्षक को दो सप्ताह में मामले का निराकरण करने का आदेश;

Update: 2018-02-10 13:55 GMT

दो हप्ते में मामला निपटाने जशपुर एसपी को निर्देश

बिलासपुर। नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में शहीद पुलिस आरक्षक के बच्चों का स्कूल शुल्क विभाग द्वारा जमा नहीं किए जाने के खिलाफ याचिका पर हाईकोर्ट ने जशपुर पुलिस अधीक्षक को दो सप्ताह में मामले का निराकरण करने का आदेश दिया। 

जानकारी के अनुसार बिलासपुर सिविल लाइन निवासी श्रीमती नाजिमा देवी कुर्रे ने अपने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई कि उसका पति स्व. चन्द्रशेखर  पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर जशपुर में कार्यरत थे। जो 6 फरवरी 2006 नक्सली मुठभेड़ में शहीद हो गए थे।

परिवार में उसके पत्नी के अलावा तीन बच्चे भी हैं। जिनमें सबसे बड़ी पुत्री कु. मंजूषा कुर्रे उम्र 15 वर्ष, आनंद कुर्रे उम्र 13 वर्ष व जीत कुर्रे उम्र 12 वर्ष है। जिनमें से दो बच्चे बिलासपुर स्थित बर्जेश अंग्रेजी माध्यम स्कूल में अध्ययनरत है। जबकि छोटा बेटा द न्यू इंडिया स्कूल कुम्हारपारा बिलासपुर में अध्ययनरत है। सभी बच्चे अपने मां के साथ रहते हैं।

शहीद पुलिस कर्मचारियों के बच्चों को छत्तीसगढ़ के भीतर विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में 21 वर्ष की आयु तक नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कराए जाने के संबंध में पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी दिशा निर्देश के तहत वर्ष 2011 में पुलिस अधीक्षक जशपुर द्वारा उसके अध्ययनरत बच्चों के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। 

जिसके आधार पर उसके बच्चों को स्कूल शुल्क जुलाई 2016 से अपै्रल 2017 तक भुगतान की गई परन्तु अपै्रल 2017 के बाद से उसके बच्चों की स्कूल शुल्क की राशि का भुगतान बंद कर दिया गया। हाईकोर्ट ने याचिका की सुनवाई कर पुलिस अधीक्षक जशपुर को निर्देश जारी किया कि याचिकाकर्ता के  द्वारा उसके बच्चों को स्कूल शुल्क भुगतान किए जाने संबंधी आवेदन पर दो सप्ताह में निराकरण करें।

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