चंपारण सत्याग्रह शताब्दी पर गांधी दर्शन की प्रासंगिकता पर संगोष्ठी आज

महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी के अवसर पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कल 11 बजे, वृंदावन हॉल, सिविल लाईन्स में किया जा रहा है;

Update: 2017-07-02 18:08 GMT

रायपुर।  महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह की शताब्दी के अवसर पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कल 11 बजे, वृंदावन हॉल, सिविल लाईन्स में किया जा रहा है। अखिल भारतीय शांति एवं एकजुटता संगठन (एप्सो) की रायपुर जिला इकाई  द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में देश के जाने-माने लेखक एवं विचारक प्रो. पुरूषोत्तम अग्रवाल मुख्य अतिथि होंगे। प्रदेश के प्रतिष्ठित चिकित्सक एवं समाज सेवी डॉ. ए.आर. दल्ला तथा सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा ओजस्वी वक्ता श्रीमती आराधना चौबे अन्य वक्ता होंगे। संगोष्ठी का विषय 'चंपारण सत्याग्रह शताब्दी : गांधी दर्शन की प्रासंगिकता है।

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद अप्रैल 1917 में चंपारण से ही सत्याग्रह की शुरूआत की थी।

गांधीजी वहां किसानों के निमंत्रण पर गये थे तथा अंग्रेजी राज में उनकी दुर्दशा देखकर मर्माहत हुये थे।

किसानों के अधिकार व सम्मान की रक्षा के लिये उन्होंने सत्याग्रह का मार्ग अपनाया था जिसके चलते महात्माजी को भारत में पहली बार जेल भी जाना पड़ा था।

वर्तमान समय में नव साम्राज्यवादी व नव पूंजीवादी ताकतें जो खेल खेल रही है उसमें महात्मा गांधी का सत्याग्रह एक प्रेरणादायक मिशाल के तौर पर हमारे सामने है। 
 

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