सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एंटोनियो गुटेरेस से की रोहिंग्या मसले पर चर्चा की मांग

 अमेरिका और ब्रिटेन सहित सुरक्षा परिषद के सात सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हुई जातीय हिंसा पर अगले सप्ताह चर्चा कराने की मांग की;

Update: 2017-09-23 12:21 GMT

संयुक्त राष्ट्र।  अमेरिका और ब्रिटेन सहित सुरक्षा परिषद के सात सदस्य देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हुई जातीय हिंसा पर अगले सप्ताह चर्चा कराने की मांग की है। 

सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में से स्वीडन, अमेरिका, बिटेन, फ्रांस, मिस्र, सेनेगल और कजाखिस्तान सहित सात सदस्य देशों ने श्री गुटेरस के समक्ष कल यह मांग रखी। 

म्यांमार में पिछले महीने रोहिंग्या उग्रवादियों द्वारा हमले के बाद शुरू हुई सैन्य कार्रवाई के कारण चार लाख 22 हजार से भी अधिक रोहिंग्या मुसलमानों ने देश छोड़कर बंगलादेश में शरण ली है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने बुधवार को कहा था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सुरक्षा परिषद से हिंसा को तत्काल खत्म करने और ठोस कार्रवाई करने को कहा है। 

सुरक्षा परिषद ने म्यांमार के राखिन प्रांत में जारी हिंसा पर गत सप्ताह गहरी चिंता व्यक्त की थी। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान में सुरक्षा अभियानों के दौरान हिंसा की खबरों पर चिंता व्यक्त की और राखिन प्रांत में जारी हिंसा को खत्म करने, कानून और व्यवस्था की पुन: स्थापना करने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए म्यांमार को तत्काल कदम उठाने को कहा है। 

राजनयिकों का मानना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो सुरक्षा परिषद इस संबंध में औपचारिक बयान जारी करने पर विचार कर सकती है। लेकिन चीन और रूस के इस मामले में ठोस कार्रवाई के लिए सहमत होने की संभावना नहीं है और वे इस पर अपना वीटो लगा सकते हैं। 

गौरतलब है कि सुरक्षा परिषद में किसी भी प्रस्ताव को पारित होने के लिए नौ वोटों की आवश्यकता होगी इसके साथ ही परिषद के स्थायी सदस्यों द्वारा वीटो नहीं किया जाना चाहिए। 

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