दिल्ली के राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में विज्ञान समागम का आगाज
दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में मंगलवार को विज्ञान समागम का आगाज हुआ;
नई दिल्ली। दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र में मंगलवार को विज्ञान समागम का आगाज हुआ। देश की राजधानी में करीब दो महीने चलने वाली इस मेगा विज्ञान प्रदर्शनी का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए त्रिस्तरीय टीम बनानी चाहिए, जिसमें बुजुर्ग और युवा पीढ़ी शामिल हों। जितेंद्र सिंह पूर्वोत्तर विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के साथ-साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ), कार्मिक, लोकशिकायत एवं पेंशन और परमाणु ऊर्जा व अंतरिक्ष राज्यमंत्री भी हैं।
उन्होंने कहा कि युवा छात्र-छात्राओं को शिक्षा देने के मकसद से प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाना चाहिए, ताकि विज्ञान में उनकी अभिरुचि जगे और भविष्य में वे इसे अपना कॅरियर बनाएं।
मुंबई, बेंगलुरू और कोलकाता की सफलता के बाद दिल्ली में विज्ञान समागम का आयोजन किया गया है।
डॉ. सिंह ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की प्रगति के संबंध में गगनयान, मंगलयान और चंद्रयान मिशन का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत का सफर अकल्पनीय रहा है।
विज्ञान समागम के उद्घाटन के मौके पर प्रख्यात खगोलविद् और पूर्व एशियाई वेधशाला के महानिदेशक डॉ. पाल हो ने अति विशाल ब्लैक होल की पहली तस्वीर के संबंध में अपना अनुभव बताया।
उन्होंने कहा, "इवेंट होराइजन टेलीस्कोप ने सफलतापूर्वक ब्लैक होल की पहली तस्वीर पेश की है। एक-87 ग्लैक्सी के केंद्र में अति विशाल ब्लैक होल पहली घटना है, जिसमें हम इवेंट होराइजन का विश्लेषण कर सकते हैं, जहां ब्लैक के गुरुत्व से प्रकाश भी नहीं निकल सकता है।"
इस मौके पर परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष व परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव के. एन. व्यास ने कहा कि विज्ञान समागम का पूरा सफर काफी रोमांचक रहा है। उन्होंने कहा, "हमें काफी गर्व है कि विज्ञान समागम के अंतिम संस्करण का आयोजन नई दिल्ली में हो रहा है। हमारा मकसद इस प्रदर्शनी के माध्यम से देश के लोगों को इस बात से रूबरू कराना होता है। इस बदलते संसार में विज्ञान किस प्रकार प्रभाव डाल सकता है, उसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।"
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा कि नवोन्मेष और नूतन प्रयोग के क्षेत्र में निपुणता हासिल करने की दिशा में भारत अथक परिश्रम कर रहा है और नई पीढ़ी इसके लिए एकाग्रचित है, जो विज्ञान की दुनिया में भारत को सम्मानित स्थान दिलाएगी। उन्होंने कहा कि विज्ञान समागम के कार्यक्रमों से छात्रों और लोगों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी की लोकप्रियता बढ़ेगी।
विज्ञान प्रदर्शनी यहां 20 मार्च, 2020 तक चलेगी। इस दौरान शनिवार, रविवार और अवकाश के दिनों समेत प्रदर्शनी सब दिन सुबह 10 बजे से लेकर शाम छह बजे तक खुली रहेगी।