सरकार ने लोकसभा में पेश किया एससी/एसटी अत्याचार निवारण संशोधन विधेयक
सरकार ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश से कमजोर हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार (निवारण) कानून को पुराने स्वरूप में लाने के लिए इसमें जरूरी बदलाव से संबंधित विधेयक आल लोकसभा में पेश किया;
नयी दिल्ली। सरकार ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश से कमजोर हुए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार (निवारण) कानून को पुराने स्वरूप में लाने के लिए इसमें जरूरी बदलाव से संबंधित विधेयक आल लोकसभा में पेश किया।
सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने सदन में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण (संशोधन) विधेयक पेश किया।
उच्चतम न्यायालय ने गत 20 मार्च को एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून के कुछ सख्त प्रावधानों को हटा दिया था जिसके कारण इससे जुड़े मामलों में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लग गयी थी। इसके अलावा आरोपी को अंतरिम जमानत लेने की अनुमति भी मिल गयी थी। संशोधन विधेयक में इन प्रावधानों को फिर से लागू करने की व्यवस्था की गयी है।
न्यायालय के फैसला का विभिन्न राजनीतिक दलों एवं संगठनों ने विरोध किया था और सरकार से कानून को पहले के स्वरूप में लाने की मांग की थी। मंत्रिमंडल की गत बुधवार को हुई बैठक में कानून के पूर्व के प्रावधानों को बनाये रखने के लिए संशोधन विधेयक को मंजूरी दी गयी थी।