सफाई व कूड़ा न उठाने पर प्रतिदिन देना होगा 500 रुपए जुर्माना

सेक्टरों की सफाई व कूड़ा न उठाने पर प्राधिकरण ठेकेदारों पर 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाएगा;

Update: 2017-10-14 14:19 GMT

ग्रेटर नोएडा। सेक्टरों की सफाई व कूड़ा न उठाने पर प्राधिकरण ठेकेदारों पर 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाएगा। सेक्टरों का रखरखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी तय कर दी गई है। प्राधिकरण के विभिन्न विभागों के बजाय अब एक ही विभाग की पूरी जिम्मेदारी दी जाएगी।

लोहिया नाले में ईटीपी यानि प्रवाह उपचार संयंत्र लगाया जाएगा। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष राहुल भटनागर ने शुक्रवार को सेक्टर गामा-एक का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सेक्टरों के रखरखाव व मरम्मत का काम सुचारू रूप से न होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों को क्लास लगाई।

लोहिया नाले में गंदगी को देख कर अधिकारियों से जवाब मांगा कि इतनी गंदगी कहां से आ रही है। जानकारी करने पता चला कि यूपीएसआईडीसी में लगी औद्योगिक इकाईयों से निकालने वाला रासयनिक पदार्थ नाले में डाला जाता है। इस पर अध्यक्ष ने यूपीएसआईडीसी को नोटिस जारी करने का आदेश दिया। साथ ही नाले में एलजी के पास ईटीपी लगाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। ईटीपी लगाने में जितना पैसा खर्च होगा उसका 50 फीसदी यूपीएसआईडीसी से वसूला जाएगा। सेक्टरों का रखरखाव व मरम्मत का काम प्राधिकरण के अर्बन, स्वास्थ्य व परियोजना विभाग की जिम्मेदारी होती है। कई विभागों की जिम्मेदारी होने पर सेक्टरों का रखरखाव व मरम्मत का काम ठीक तरीके से नहीं हो पाता है। इसके लिए अध्यक्ष राहुल भटनागर ने सेक्टरों के रखरखाव व मरम्मत का काम एक ही विभाग के जिम्मे सौंपने का निर्देश दिया।

सेक्टरों में बने सामुदायिक केंद्रों रखरखाव व संचालन का जिम्मा किसी निजी एजेंसी व आरडब्ल्यूए को सौंपने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया। सामुदायिक केंद्रों का मरम्मत व विभिन्न कार्यक्रमों के लिए बुकिंग का जिम्मा प्राधिकरण पर है। सामुदायिक केंद्रों के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए बुकिंग होने पर उससे आने वाले आय से निजी एजेंसी उसका रखरखाव व मरम्मत करेगी। सेक्टर गामा-एक में वन विभाग की जमीन पर बने पार्क का रखरखाव ठीक न होने पर अध्यक्ष ने अधिकारियों से जवाब मांगा।

मौजूद अधिकारियों ने अध्यक्ष राहुल भटनागर को बताया कि पार्क के रखरखाव व मरम्मत का पैसा प्राधिकरण वन विभाग को देता है उनकी तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है। 

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