बिहार: राजद पहली बार जीरो पर आउट
बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद अपनी स्थापना के बाद से पहली बार शून्य पर आउट हो गयी;
पटना। बिहार में इस बार के लोकसभा चुनाव में लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अपनी स्थापना के बाद से पहली बार शून्य पर आउट हो गयी।
यादव ने वर्ष 1997 में राजद का गठन किया था। इसके बाद वर्ष 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में हुये आम चुनाव में राजद के प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर सांसद बनने में सफल रहे लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद का कोई भी प्रत्याशी जीत नहीं पाया। इस बार के चुनाव में राजद ने 19 सीट पर अपने प्रत्याशी खड़े किये लेकिन किसी को सफलता नही मिली।
सतरहवें आम चुनाव (2019) में महागठबंधन में तालमेल के तहत राजद के खाते में 20 सीटें गई थी, जिसमें से उसने एक आरा सीट भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- लेनिनवादी) के लिए छोड़ दी थी। माले भी अपनी सीट नहीं बचा सकी।
भारतीय राजनीति में वर्षों तक ‘किंग मेकर’ माने जाते रहे लालू प्रसाद यादव वर्तमान में चारा घोटाला में जेल में बंद हैं। इस बार चुनाव प्रचार में श्री यादव की अनुपस्थिति का खामियाजा संभवत: राजद को हुआ।
इस बार के चुनाव में राजद सुप्रीमो ने पार्टी की कमान अपने छोटे पुत्र और पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को सौंपी लेकिन वह उनकी कसौटी पर खरे नही उतरे। राजद को सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा उनके बड़े पुत्र और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव के बगावती तेवर से भी राजद को काफी नुकसान हुआ है।
महागठबंधन में टिकट बंटवारे से नाराज तेजप्रताप ने लालू-राबड़ी मोर्चा बना लिया और हाजीपुर (सु) और जहानाबाद से राजद के विरुद्ध अपने प्रत्याशी उतार दिये, जिससे यहां राजद को मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
जहानाबाद संसदीय सीट पर राजद प्रत्याशी सुरेन्द्र प्रसाद यादव जदयू प्रत्याशी चंद्रेश्वर प्रसाद से महज 1751 मतों के अंतर से पराजित हो गये। यहां लालू-राबड़ी मोर्चा के टिकट पर लड़े चंद्रप्रकाश को 7755 मत मिले। यदि वह चुनाव नहीं लड़ते तो उनका वोट सुरेन्द्र प्रसाद को मिल जाता तो उनकी हार नहीं होती।
वर्ष 1998 के आम चुनाव में राजद ने 17 सीट, वर्ष 1999 में सात, वर्ष 2004 में 22, वर्ष 2009 में चार और वर्ष 2014 में भी चार सीट पर जीत हासिल की थी। लेकिन, वर्ष 2019 में तो उसने 19 की 19 सीटें गंवा दी।