धान सिर्फ फसल नहीं हमारी सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा : रमन

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि धान राज्य के किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया है और यह हमारे लिए सिर्फ फसल नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है;

Update: 2017-10-08 14:36 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि धान राज्य के किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया है और यह हमारे लिए सिर्फ फसल नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत से भी जुड़ा हुआ है।

डॉ.सिंह ने आकाशवाणी के रायपुर केन्द्र से आज प्रसारित अपनी मासिक रेडियोवार्ता रमन के गोठ में प्रदेशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुनी करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा तय लक्ष्य को हासिल करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए राज्य को तीन अलग-अलग जलवायु क्षेत्र में बांटकर कार्ययोजना तैयार की है।

जमीन की विशेषता के अनुरूप किसानों को बीज उपलब्ध कराए गए और प्रशिक्षण भी दिया गया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 में सरकार ने किसानों से 69 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा, जिस पर उन्हें 300 रूपए प्रति क्विंटल की दर से 2100 करोड़ रूपए का बोनस दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा-बोनस केवल धान के लिए नहीं है, बोनस तेन्दूपत्ता संग्राहकों और गन्ना उत्पादक किसानों को भी दिया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष 2017-18 में खरीदे गए धान का बोनस भी किसानों को दिया जाएगा, जो उन्हें अगले साल मिलेगा। डॉ.सिंह ने कहा कि प्रदेश में इस बार फिर अकाल की छाया है।

राज्य सरकार ने 96 तहसीलों को सूखा ग्रस्त घोषित किया है, जहां किसानों को राहत देने के उपाय भी शुरू किए गए हैं।
इन परिस्थितियों में जब 2100 करोड़ रूपए का बोनस हमारे किसानों के घर पहुंचेगा तो न सिर्फ इस साल वे दीवाली का त्यौहार खुशी से मना पाएंगे, बल्कि सूखे से लड़ने और आगे की कार्ययोजना बनाने में भी सक्षम होंगे।

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