बोनस से किसान और व्यापारियों के चेहरे पर लौटी रौनक
छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान पर दीपावली के ऐन मौके पर 2100 करोड़ रूपए के बांटे जा रहे;
रायपुर। छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान पर दीपावली के ऐन मौके पर 2100 करोड रूपए के बांटे जा रहे बोनस से गंभीर सूखा,नोटबन्दी और वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के चलते निराश परेशान किसानों और व्यापारियों के चेहरे पर रौनक लौट आई है।
राज्य में इस सीजन में मानसून की कम वर्षा के कारण उत्पन्न सूखे की स्थिति से किसान जहां बहुत ही परेशान रहे है वहीं नोटबन्दी एवं जीएसटी के कारण राज्य में व्यवसाय की स्थिति काफी खराब रही है।व्यवसाय के लगभग सभी क्षेत्रों में मंदी की स्थिति बनी हुई है।किसान एवं बाजार दोनो निराशा की स्थिति से जूझते रहे है कि अचानक मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले वर्ष विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए बोनस वितरण के लिए राजी कर निराशा को रौनक में बदल दिया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यभार संभालने के बाद राज्यों से साफ कह दिया था कि बोनस आदि देने की प्रथा बन्द होगी।अगर कोई राज्य ऐसा करेगा तो वह अपना संसाधनों से करेगा।इसके कारण छत्तीसगढ़ में धान पर बोनस देना बन्द कर दिया गया था।बदले हालात में मुख्यमंत्री डा.सिंह द्वारा श्री मोदी से बोनस देने के लिए सहमति लेना काफी अहम माना जा रहा है।इसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह का भी योगदान है जिसकी चर्चा स्वयं डा.सिंह बोनस तिहार पर आयोजित कार्यक्रमों में कर रहे है।
बोनस वितरण के लिए सभी 27 जिलों में ..बोनस तिहार..के कार्यक्रम आयोजित हो रहे है और मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह जिलास्तरीय कार्यक्रमों में शामिल हो रहे है।डा.सिंह इस कार्यक्रम में किसानों के खाते में मंच से ही बोनस की राशि को ट्रांसफर कर रहे है।
किसानों की खुशी का सीधा असर बाजार में दिख रहा है।राज्य के सबसे बड़े व्यापारी संगठन छत्तीसगढ़ चैम्बर आफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के अनुसार जहां बोनस वितरित हे चुका है उसका असर बाजारों मे दिखने लगा है।