रिटायर व अनुपस्थित कर्मियों का वेतन जमा कराता था अपने खाते में

सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों एवं गैर हाजिर कर्मचारियों का वेतन छल पूर्वक जारी कराते हुए उसे अपने संबंधियों के खाते में जमा करा कर 5 लाख 25 हजार रुपए की शासकीय राशि में घपला करने वाले पीडब्ल्यूडी;

Update: 2017-11-13 12:39 GMT

कोरबा। सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों एवं गैर हाजिर कर्मचारियों का वेतन छल पूर्वक जारी कराते हुए उसे अपने संबंधियों के खाते में जमा करा कर 5 लाख 25 हजार रुपए की शासकीय राशि में घपला करने वाले पीडब्ल्यूडी के निजी कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है।

आरोपी को न्यायिक रिमांड पर जेल दाखिल कराने की कार्रवाई पुलिस ने की है। लोक निर्माण विभाग, कोरबा कार्यालय में भरतलाल उरांव पिता बलदेव उरांव 44 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी, रामपुर पिछले 10 वर्षों से कार्यरत था। निजी तौर पर उसे काम पर रखा गया था और कार्यालय में कम्प्यूटर कार्य करने के साथ-साथ वेतन बनाना, गे्रच्युटी, टीए सहित विभागीय पत्राचार की टाइपिंग का काम करता था। भरतलाल के द्वारा इतनी लंबी अवधि में कार्य करते-करते अधिकारियों का विश्वास हासिल कर लिया और इसी विश्वास की आड़ लेकर उसने लखपति बनने का काम शुरू किया।

उसके द्वारा विभागीय कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद भी और छुट्टी के कारण अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन पत्रक विभागीय अधिकारियों को धोखे में रखकर जारी कराया जाने लगा। अपने आईडी पासवर्ड से वह उक्त कर्मचारियों का वेतन पत्रक बनाकर ट्रेजरी में भिजवाकर अपने संबंधियों के खाता में रकम डलवा लेता था। 

वर्ष 2015 में यह खुलासा होने के बाद जब पीडब्ल्यूडी के ईई वायके गोपाल ने छानबीन की तो लगभग 5 लाख 25 हजार रुपए की धोखाधड़ी सामने आयी। विभागीय जांच उपरांत ईई गोपाल ने रामपुर पुलिस चौकी ने शिकायत दर्ज  करायी। कोतवाली में आरोपी के खिलाफ धारा 420, 467, 468, 471 भादवि के तहत जुर्म दर्ज कर पुलिस ने अपनी विवेचना प्रारंभ की।

कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक यदुमणी सिदार ने बताया कि पर्याप्त साक्ष्य पाये जाने उपरांत आरोपी भरतलाल उरांव को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करते हुए जमानत के अभाव में जेल दाखिल करा दिया गया। आरोपी ने छलपूर्वक उक्त हेराफेरी करना स्वीकार 
किया है।

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