निजी कंपनी को सौंपी शहर की सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी
शहर में पिछले काफी समय से चरमराई सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अब नगर परिषद द्वारा निजी कंपनी को ठेका दिया गया है;
होडल। शहर में पिछले काफी समय से चरमराई सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए अब नगर परिषद द्वारा निजी कंपनी को ठेका दिया गया है। जिसके तहत बेढ़ा और गढ़ी पट्टी को छोड़कर शहर के 16 वार्डों में उक्त कंपनी के सफाई कर्मचारी सफाई का कार्य करेंगे। इस कंपनी द्वारा सोमवार से शहर के विभिन्न वार्डों में सफाई का कार्य शुरु कराया गया।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष जवाहर सिंह सौरोत, उपाध्यक्ष जगमोहन गोयल,नगर परिषद के चेयरमैन राजगोपाल, राजकुमार रावत, राजू पंखिया सहित विभिन्न वार्डों के पार्षदों एवं परिषद के अधिकारियों ने झंडी दिखाकर कार्य का शुभारंभ कराया।
यहां चेयरमैन राजगोपाल ने बताया कि शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए दी गोयल को- आपरेटिव लेवर एंड कंस्ट्रक्शन सोसायटी लिमिटेड नामक कंपनी को ठेका दिया गया है जिसके सैंकड़ों कर्मचारी शहर के विभिन्न वार्डों में पहुंचकर वहां सफाई व्यवस्था की देखभाल रखेंगे। उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा अभी लगभग सौ सफाईकर्मियों को नियुक्त किया गया है जो शहर की विभिन्न कालोनियों और वार्डों में नालियों और सडकों की सफाई करेंगे।
उन्होंने बताया कि कंपनी द्वारा शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए सौ सफाई कर्मचारी, 5 ट्रैक्टर,एक जेसीबी मशीन, 4 सुपरवाईजरों को तैनात किया गया है। उक्त सफाई कर्मचारी प्रात: 7 से 11 बजे और सायं 2 से 5 बजे तक शहर में सफाई करेंगे। इनके अलावा बेढा और गढ़ी पट्टी में नगर परिषद में तैनात सफाई कर्मचारी सफाई का कार्य करेंगे।
फिलहाल उक्त कंपनी के कर्मचारी गलियों और नालियों की सफाई करेंगे और यहां से निकाले गए कूड़े कर्कट को नगर परिषद की गढ़ी रोड़ स्थित जमीन पर एकत्रित किया जाएगा। इस कंपनी के निरंजन उर्फ लाला का कहना है कि शहर की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त रखना कंपनी का मुख्य उद्देश्य है।
नए सफाई कर्मचारी भर्ती किए जाने पर पुराने कर्मचारियों ने किया विरोध
शहर की सफाई व्यवस्था को लेकर निजी कंपनी द्वारा आसपास के गांवों से लगाए गए नए सफाई कर्मचारियों के विरोध में सोमवार को सैकड़ों महिला-पुरूष सफाई कर्मचारियों ने पुरानी नगर पालिका पहुंचकर जमकर कर नारेबाजी की और घंटों तक हंगामा किया।
कर्मचारियों के बढ़ते गुस्से को देख नगर परिषद प्रशासन द्वारा मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी। बाद में चेयरमैन राजगोपाल व पुलिस के आश्वासन के बाद गुस्साए कर्मचारियों का गुस्सा शांत हुआ। उसके बाद ही नए कर्मचारियों को शहर की सफाई के लिए रवाना किया गया। शहर की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त रखने के लिए नगर परिषद् द्वारा एक प्राइवेट कंपनी को दिया गया है।
उक्त ठेकेदार व नगर परिषद् द्वारा कर्मचारियों की बनाई गई लिस्ट से पुराने सफाई कर्मचारियों को हटाने के विरोध में सोमवार को रामगोपाल बाल्मीकि के नेतृत्व में सैकडों महिला-पुरूष सफाई कर्मचारी पुरानी नगर पालिका परिसर पहुंच गए। यहां कर्मचारियों ने चेयरमैन और ठेकेदार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। गुस्साए कर्मचारियों ने कहा कि शहर में पिछले कई वर्षों से सफाई का कार्य कर रहे कर्मचारियों की अनदेखी कर आसपास व यूपी के गांवों से नए कर्मचारियों की भर्ती किया गया है। इसके अलावा महिला कर्मचारियों की भी भर्ती नहीं की जा रही है।
सफाई कर्मचारियों का गुस्सा बढ़ता देख परिषद् के कर्मचारियों ने मामले की सूचना चेयरमैन राजगोपाल को दी। सूचना मिलते ही चेयरमैन नगर पालिका में पहुंच गए। चेयरमैन के समझाने के बाद भी कर्मचारियों ने एक ना सुनी। जब चेयरमैन व ठेकेदार ने नए कर्मचारियों को शहर की सफाई व्यवस्था के लिए ट्रैक्टरों द्वारा रवाना करने का प्रयास किया तो गुस्साए कर्मचारी ट्रैक्टर के टायरों के आगे बैठ गए और पुराने कर्मचारियों ने ठेकेदार द्वारा भर्ती किए गए नए कर्मचारियों से सफाई के औजार तक छीन लिए।
चेयरमैन ने मामले की सूचना थाना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। बाद में चेयरमैन राजगोपाल के आश्वासन के बाद नए कर्मचारियों को सफाई के लिए रवाना किया गया।