अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण 7 अप्रैल से शुरू: शिवराज

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण का कार्य 7 अप्रैल से शुरू होकर 15 अगस्त तक पूर्ण किया जायेगा।;

Update: 2018-03-26 17:45 GMT

भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण का कार्य 7 अप्रैल से शुरू होकर 15 अगस्त तक पूर्ण किया जायेगा।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार चौहान आज यहां आरसीव्हीपी नरोन्हा प्रशासन अकादमी में अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण संबंधी कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा आयोजित कार्यशाला में गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कृष्ण मुरारी मोघे भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने आजीविका मिशन (शहरी) में प्रदेश को प्रथम स्थान प्राप्त होने का प्रमाणपत्र विभागीय मंत्री माया सिंह को सौंपा। कार्यशाला में प्रदेश भर से लगभग सात सौ अधिकारी शामिल हैं।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि नियम, कायदे और कानून सब जनहितकारी होने पर ही मान्य हैं।

ऐसा नहीं होने पर, उन्हें बदला जायेगा। सरकार ने अवैध कॉलोनी के दर्द को समझ कर नियमित करने का कार्य किया है। विस्थापितों के पट्टे और मर्जर की समस्याओं का समाधान किया है।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि नियमितिकरण की प्रक्रिया में बाधा स्वीकार नहीं की जायेगी।

जहां रास्ता नहीं होगा, वहां नियमों में परिवर्तन-परिवर्धन कर रास्ता निकाला जायेगा।
वे स्वयं अवैध कॉलोनी नियमितिकरण की नियमित मॉनीटरिंग करेंगे।

 चौहान ने असंगठित मजदूर पंजीयन कार्य अभियान के रूप में करने के निर्देश भी दिये।
उन्होंने कहा कि असंगठित मजदूरों के लिये बनायी गई योजना सेवा का नया इतिहास रचने का अवसर है।

योजना में पंजीयन का कार्य एक से 14 अप्रैल तक अभियान के रूप में किया जाये।
सुनिश्चित किया जाये कि रहने के लिये भूमि का टुकड़ा अथवा आवास, नि:शुल्क उपचार, नि:शुल्क शिक्षा, पोषण आहार, रोजगार और सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं मजदूरों को पंजीयन के साथ ही मिलें।

गुंडे-बदमाशों पर पुलिस की कार्रवाई की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं पर गलत नजर रखने वालों के विरुद्ध ऐसी कड़ी कार्रवाई करें कि बदमाशों में भय का वातावरण व्याप्त हो जाये।
गुंडों, बदमाशों के अतिक्रमण सख्ती के साथ ध्वस्त किये जायें।

इस अवसर पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री सिंह ने कहा कि नगर की सभी कॉलोनियों में विकास के कार्य समान रूप से हो सकें, इसलिये अवैध कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया बनायी गयी है। इससे करीब चार हजार 500 अवैध कॉलोनियां नियमित हो जायेंगी।
वैधानिक प्रक्रिया द्वारा अवैध कॉलोनियों को नियमित करने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा।

 सिंह ने बताया कि पूर्व में 31 दिसम्बर, 2012 की अवधि तक स्थापित अवैध कॉलोनियों का नियमितिकरण किया जाना था, जिसे अब बढ़ाकर 31 दिसम्बर 2016 तक की कॉलोनियों के लिये कर दिया गया है।

विकास व्यय में रहवासी अंशदान को घटाकर 20 प्रतिशत किया गया है। शेष राशि संबंधित निकाय द्वारा वहन की जायेगी। सांसद और विधायक निधि का भी उपयोग हो सकेगा।
रहवासियों को बिजली, पानी, सीवेज जैसी जन सुविधाएं सामान्य वैध कॉलोनियों की भांति सर्विस प्रभार पर मिलेंगी।

मुख्य सचिव बी पी सिंह ने कहा कि अवैध कॉलोनियों को नियमित करने का प्रभावी प्रयास किया गया है।

अवैध कॉलोनियों के मूल कारणों को चिह्नित कर, उनके समाधान के प्रयास हुए हैं।
इन प्रयासों की सफलता और सार्थकता तभी है, जब समस्त अवैध काॅलोनियां वैध हो जायें और कोई नई अवैध काॅलोनी नहीं बने।

नगरीय विकास एवं आवास के प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल ने बताया कि जरूरत पड़ने पर अवैध कॉलोनियों के नियमितिकरण के लिए वैधानिक प्रावधानों को सरल भी बनाया जायेगा।
पहले कॉलोनियों को वैध किया जायेगा, बाद में शेष औपचारिकताएं होंगी।नियमितिकरण से करीब 25 लाख शहरी आबादी लाभान्वित होगी।

 

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