शराब बंदी पर नवनिर्माण सेना करेगी जनमत संग्रह
शराब विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ नवनिर्माण सेना जनमत संग्रह के माध्यम से आम जनता की राय सरकार तक पहुंचाएगी। सरकार शराब विक्रय पर हिटलरशाही रूख अपना रही है जबकि प्रदेश की जनता शरा;
रायपुर। शराब विक्रय पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ नवनिर्माण सेना जनमत संग्रह के माध्यम से आम जनता की राय सरकार तक पहुंचाएगी। सरकार शराब विक्रय पर हिटलरशाही रूख अपना रही है जबकि प्रदेश की जनता शराबबंदी के पक्ष में है। नव निर्माण सेना के प्रदर्श अध्यक्ष प्रदीप सिंह ठाकुर ने पत्रवार्ता में बताया कि पार्टी के कार्यकर्ता वार्ड से लेकर गांव-गांव में कैंप लगाकर पांच रूपये के स्टाम्प पर शराबबंदी के पक्ष में एवं विपक्ष में आम जनता से हस्ताक्षर अभियन चलायेगी।
जनता की राय के खिलाफ सरकार को फैसला लेने का अधिकार नहीं है। शासकीय उपक्रम जैसे टेलीफोन, विद्युत मण्डल और परिवहन विभाग निजी कंपनियों को सांैपी जा रही है जो कि सरकार का दायित्व है और शराब विक्रय जैसे गैरजरूरी कार्य सरकार स्वयं संचालित करने जा रही है समझ से से परे है। प्रदेश की जनता रमन सरकार के शराब विक्रय पर प्रतिबद्धता एवं करोड़ों के घोटालों पर सरकार की उदासीनता से अनभिज्ञ नहीं है।
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को परिणाम भुगतना पड़ेगा। संविधान में धारा 47 में स्पष्ट है कि कोई भी सरकार नशे की वस्तु को बढ़ावा देने का कार्य नहीं कर सकती। शराब से प्राप्त राजस्व से प्रदेश का विकास नहीं प्रदेश का विनाश होगा। शराब का मूल्य बढ़ाये जाने का संकेत सरकार दे चुकी है ऐसी स्थिति में धनाढ्य वर्ग शराबखोरी में और मध्यम गरीब वर्ग अपराध में लिप्त होंगे।
सरकार की शराब नीति से प्रदेश की जनता गरीब और अमीर वर्ग में विभाजित हो जावेगी और वैमनस्य फैल जायेगा सरकार को अपने निर्णय पुर्नविचार करना चाहिए। शराब दुकान बनाने के लिए सरकार के पास पैसा है। लेकिन स्कूलों और अस्पतालों के सुधार के लिए सरकार के पास न तो पैसा है और न ही सोच है।