पंजाब में बागी नेता भाजपा में हो रहे शामिल, शहरी सीटों पर निगाहें

हाल ही में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने गैर-सिख मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी पार्टी छोड़ दी;

Update: 2021-12-31 23:17 GMT

नई दिल्ली। हाल ही में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने गैर-सिख मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति के तहत भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी पार्टी छोड़ दी, जिनके बारे में कहा जाता है कि उनका झुकाव भारतीय जनता पार्टी की ओर है। कांग्रेस के दो विधायक बलविंदर सिंह लड्डी और फतेह जंग सिंह बाजवा अपने 13 समर्थकों के साथ मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। उनसे पहले राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी पिछले हफ्ते भाजपा में शामिल हुए थे।

भाजपा में शामिल होने के लिए अपनी पार्टियों को छोड़ने वाले अन्य लोगों में कांग्रेस के पूर्व लोकसभा सदस्य राजदेव खालसा, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता और तीन बार के पूर्व विधायक गुरतेज सिंह घुरियाना शामिल हैं।

सूत्रों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के वफादार भाजपा में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि वे 2022 का विधानसभा चुनाव भाजपा के गढ़ों से या उन सीटों से लड़ना चाहते हैं, जहां से उन्हें लगता है कि भाजपा का वोट प्रतिशत अधिक है।

सूत्रों ने बताया कि राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी फिरोजपुर शहर की शहरी सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, जहां भाजपा अकाली-भाजपा गठबंधन के दौरान चुनाव लड़ती थी और इसी तरह फतेह जंग सिंह बाजवा भी गैर-सिख वोट वाली सीट से लड़ना चाहते हैं और प्रधानमंत्री की लोकप्रियता के बलबूते जीत दर्ज करना चाहते हैं।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस के पूर्व नेता अमरिंदर सिंह और सुखदेव सिंह ढींडसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) मिलकर पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस (पीसीएल) के साथ गठबंधन में भाजपा की ओर से शहरी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की उम्मीद है। भगवा पार्टी के सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री की पंजाब लोक कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों में विधानसभा क्षेत्रों से अपने उम्मीदवार उतारेगी। हालांकि, दोनों दलों ने विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने की घोषणा की है, लेकिन उन्होंने अभी तक सीट बंटवारे के फॉमूर्ले की घोषणा नहीं की गई है।

पंजाब में लड़ाई चौतरफा हो सकती थी। सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां आप के खिलाफ खड़ी है, वहीं अकाली दल-बसपा गठबंधन और भाजपा-पीएलसी गठबंधन मैदान में होंगे। चंडीगढ़ नगर निकाय चुनाव में ताजा जीत में आप ने अपनी ताकत दिखाई है। हालांकि, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि चंडीगढ़ शहरी है और पंजाब में देश में सबसे अधिक अनुसूचित जाति आबादी के साथ ग्रामीण हैं। पार्टी को विश्वास है कि मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के नेतृत्व में वे चुनाव जीतेंगे।

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