कश्मीर के लोगों के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार : पाकिस्तानी सेना

पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आज कहा कि सैन्य नेतृत्व ने कॉर्प्स कमांडरों की बैठक;

Update: 2019-08-06 18:46 GMT

इस्लामाबाद। पाकिस्तान की इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर ने आज कहा कि सैन्य नेतृत्व ने कॉर्प्स कमांडरों की बैठक में कश्मीर पर भारत के कदमों को लेकर पाकिस्तान सरकार के रुख का पूरा समर्थन किया है और (कश्मीरी जनता के प्रति) अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए सेना किसी भी हद तक जाने को तैयार है। गफूर ने श्रंखलाबद्ध ट्वीट में कहा, "पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 या 35ए के जरिए दशकों पहले जम्मू एवं कश्मीर पर अपने कब्जे को वैध ठहराने के भारत के प्रयासों को कभी मान्यता नहीं दी। अब इन अनुच्छेदों को भारत ने खुद ही निरस्त कर दिया है।"

CCC on Kashmir situation at GHQ. Forum fully supported Government’s rejection of Indian actions regarding Kashmir. Pakistan never recognised the sham Indian efforts to legalise its occupation of Jammu & Kashmir through article 370 or 35-A decades ago; ...(1of2). pic.twitter.com/MlwNJTSDGa

— DG ISPR (@OfficialDGISPR) August 6, 2019

उन्होंने सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा के हवाले से कहा, "पाकिस्तानी सेना दृढ़ता के साथ हर मुश्किल में अंत तक कश्मीर के लोगों के साथ खड़ी है। हम तैयार हैं और इस संबंध में अपने दायित्वों को पूरा करने में किसी भी हद तक जाएंगे।"

रावलपिंडी स्थित सैन्य मुख्यालय में कमांडरों की यह बैठक भारत द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को दिए गए विशेष दर्जे को खत्म करने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बदलने के बाद आयोजित हुई है। इस बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने की।

भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार ने सोमवार को राष्ट्रपति के आदेश से कश्मीर को स्वायत्तता देने वाला सात दशक पुराना विशेष दर्जा समाप्त कर दिया है।

पाकिस्तान ने भारत के इस कदम की कड़ी निंदा करते हुए भारत द्वारा उठाए गए गैरकानूनी कदम का जवाब देने के लिए हर संभव विकल्प को अपनाने का वादा किया है।

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संयुक्त संसदीय सत्र बुलाया है, जिससे कब्जे वाले कश्मीर पर भविष्य की रणनीति बनाने के लिए अन्य नेताओं की सलाह ली जा सके।
 

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