रविशंकर का कदम राजनीति से प्रेरित, हिंदू महासभा ने किया विरोध

राम जन्मभूमी और बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने पहल की है। इसके लिए उन्होंने आज शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख वसीम रिजवी से मुलाकात की।;

Update: 2017-10-31 16:54 GMT

नई दिल्ली। राम जन्मभूमी और बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रवि शंकर ने पहल की है। इसके लिए उन्होंने आज शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख वसीम रिजवी से मुलाकात की। रिजवी ने उम्मीद जताई है कि श्री श्री की मध्यस्थता से निश्चय ही यह मुद्दा सुलझ जाएगा। लेकिन उस बीच हिंदू महासभा ने रविशंकर की मध्यस्थता का विरोध किया है।  

करीब एक घंटे तक चली मुलाकात में शिया वक्फ बोर्ड अध्यक्ष वसीम रिजवी ने कहा कि राम मंदिर अयोध्या शहर में ही बनना चाहिए इसके लिए शिया वक़्फ़ बोर्ड आपसी समझौते के पहलू तैयार कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शिया वक़्फ़ बोर्ड नहीं चाहता है कि राम जन्मभूमि पर कोई नई मस्जिद बने वो नहीं चाहते कि राम के नाम पर लड़ाई हो।

कुछ मौलवियों को छोड़ कर सभी शांतिपूर्वक विवाद को सुलझाना चाहते है। भले ही शिया वक्फ बोर्ड श्री श्री रवि शंकर की मध्यस्थता पर खुशी जता रहा हो लेकिन हिंदू महासभा ने इसका विरोध किया है। हिंदू महासभा का कहना है कि श्री श्री को इसमें मध्यस्थता का अधिकार नहीं है। साथ ही महासभा ने इस कदम को राजनीति से प्रेरित बताया। हिंदू महासभा ने यह भी आरोप लगाया कि श्री श्री रविशंकर राम मंदिर मामले में जब पक्षकार ही नहीं हैं तो वह कैसे मध्यस्थ बन सकते हैं।श्री श्री रविशंकर से मिले शिया वक्फ बोर्ड प्रमुख

 

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