मोदी द्वारा चुने राकेश अस्थाना अब रंगे हाथों पकड़े गए: सीताराम येचुरी

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला;

Update: 2018-10-23 15:58 GMT

नई दिल्ली। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला। येचुरी ने कहा कि मोदी द्वारा विशेष तौर पर चुने गए सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना रंगे हाथों पकड़े गए है।

सीबीआई ने अपने ही एक अधिकारी के खिलाफ घुसखोरी का मामला दर्ज किया है।

उन्होंने कहा, "अधिकारी (अस्थाना) को भाजपा ने संरक्षण दिया और मोदी ने इन्हें विशेष तौर पर चुना। सीबीआई में अस्थाना के विरोध के बावजूद उन्हें इस पद पर नियुक्त किया गया। ऐसा भाजपा नेताओं के खिलाफ चल रहे सभी मामलों को रफा-दफा करने के लिए किया गया।"

That the CBI is particularly under the spotlight should not surprise us. After all, it was the agency investigating the BJP party president for a very serious charge. No prizes for guessing how and why his name was "cleared" under a dark cloud.

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 23, 2018


 

Who patronised this official in his career? Who handpicked him for CBI despite strong opposition by the Director? If this official is now caught "fabricating" documents & taking bribes, should his political patrons in BJP not be asked tough questions too? What is their role?

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 23, 2018


 

 

माकपा महासचिव ने ट्वीट कर कहा, "वह (अस्थाना) अब रंगे हाथों पकड़े गए हैं।"

येचुरी ने कहा, "इस अधिकारी (अस्थाना) के करियर में उन पर किसका हाथ था? निदेशक के सख्त विरोध के बावजूद उन्हें सीबीआई में क्यों लाया गया। अगर यह अधिकारी जाली दस्तावेज बनाते व रिश्वत लेते पकड़ा गया तो क्या उसके राजनीतिक संरक्षक भाजपा से कड़े सवाल नहीं पूछे जाने चाहिए।"

The official patronised by BJP and handpicked by Modi, was pushed into our premier investigation agency despite opposition to his entry only to subvert ongoing investigations and stop all cases against BJP leaders. He has now been caught red-handed. pic.twitter.com/72jKosqtCw

— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) October 23, 2018


 

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 2014 में सत्ता में आने के बाद अस्थाना को 2016 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में लाया गया और विशेष निदेशक के पद पर नियुक्त किया गया।

गुजरात कैडर के अधिकारी ने 2002 के गोधरा कांड की जांच का संचालन किया। उस दौरान वह वडोदरा रेंज के पुलिस महानिदेशक थे।

अस्थाना के शीर्ष पद नियुक्ति को लेकर हो रही जोर-आजमाइश पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया के बाद आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक नियुक्त किया गया।

येचुरी ने कहा कि मोदी के शासनकाल में बहुत से संदिग्ध रिकॉर्ड वाले अधिकारियों को शीर्ष एजेंसियों में नियुक्त किया गया।

उन्होंने कहा, "ऐसा सिर्फ खराब शासन की वजह से नहीं है, बल्कि विपक्ष को निशाना बनाने के दुर्भावनापूर्ण इरादे और खुद को जांच से बचाने के लिए भी ऐसा किया गया।"

उन्होंने कहा, "आखिरकार यही एजेंसी भाजपा अध्यक्ष (अमित शाह) पर लगे गंभीर आरोपों की जांच कर रही है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आखिर क्यों इन गंभीर मामलों में उन्हें क्लीन चिट दी गई। "

वाम नेता ने कहा कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की भूमिका देश के संस्थानों को नुकसान पहुंचाने व बर्बाद करने की है।

सीबीआई ने 15 अक्टूबर को अस्थाना व कई अन्य के खिलाफ कथित तौर पर रिश्वत लेने के लिए प्राथमिकी दर्ज की। यह रिश्वत मांस निर्यातक मोइन कुरैशी के एक मामले को निपटाने के लिए ली गई।

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