राजस्थान की कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल : गोयल
केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल एवं उसके शासन में घोटालों की खबरे आम होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी पहचान भ्रष्टाचार से है और वह अस्थिर सरकार है;
भरतपुर। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में विफल एवं उसके शासन में घोटालों की खबरे आम होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि उसकी पहचान भ्रष्टाचार से है और वह अस्थिर सरकार है।
श्री गोयल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने पर भाजपा की ओर से चलाए जा रहे महासंपर्क अभियान के तहत शनिवार को भरतपुर में प्रेस वार्ता को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में जल जीवन मिशन में भ्रष्टाचार किया गया। पांच हजार करोड़ का घोटाला आईटीओ डिपार्टमेंट ने फर्जी टेंडर के जरिए किया वहीं मिड डे मिल जिसमें केंद्र सरकार पैसे भेजती है लेकिन उसमें भी भ्रष्टाचार ही नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। गहलोत सरकार एक कमजोर सरकार है जो कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों को सजा तक नहीं दिला पाई। गहलोत सरकार में बिचौलियों का जोर हैं उसी के चलते जयपुर योजना भवन की अलमारी में दो करोड़ रुपये पाए जाते हैं।
भरतपुर का जिक्र करते हुए श्री गोयल ने कहा कि यहां के विधायक घोटालें में लिप्त हैं। उन्होंने गहलोत सरकार पर जनता के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि तमाम झूंठी घोषणाएं करके विश्वास खो चुकी यह सरकार विश्वास बहाल करना चाह रही है।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में वैट वृद्धि के चलते सबसे महंगा पेट्रोल एवं डीजल राजस्थान में मिलता है। केंद्र सरकार ने वैट कम किया लेकिन राजस्थान सरकार ने जनता को कोई राहत नहीं दी। जनता को वादों से कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि श्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि नौ वर्षो में सेवा, सुशासन औऱ गरीब कल्याण को प्राथमिकता देते हुए उनके नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति की राह पर निकल पड़ा है। उन्होंने कहा कि अब विदेश से भारत में निवेश आ रहा है.। अमरीका भारत को टेक्नोलॉजी देने के लिए तैयार है। अमरीका और भारत के बीच में रिश्ते सुदृढ़ हुए है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इन नौ वर्षों के काम का परिणाम है कि हम जहां पहले अर्थव्यवस्था के मामले में भारत विश्व में दसवें स्तर पर था लेकिन आज भारत विश्व की पांचवीं बडी अर्थव्यवस्था है।