उद्योगों को पानी देने पर भडक़ा विपक्ष किया बहिगर्मन
रायपुर ! जलाशयों के पानी बंटवारे को लेकर विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने आज जमकर हंगामा मचाया। वही सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी सवाल जवाब कर सरकार को घेरा।;
उद्योगों पर जलकर के 12 सौ करोड़ रूपए बाकी
किसानों को पानी देना हमारी प्राथमिकता: बृजमोहन
रायपुर ! जलाशयों के पानी बंटवारे को लेकर विधानसभा में विपक्ष के सदस्यों ने आज जमकर हंगामा मचाया। वही सत्तापक्ष के सदस्यों ने भी सवाल जवाब कर सरकार को घेरा। साथ ही रविशंकर जलाशय का अनुबंध निरस्त किये जाने की मांग की। सरकार का बचाव करते हुए कृषि मंत्री ने किसानों के हक को सरकार की प्राथमिकता बताया। मंत्री का कहना था कि जलाशयों का पानी पहले पेयजल व सिंचाई के लिए किसानों को दिया जायेगा। बाद में अतिरिक्त पानी अन्य प्रायोजन के लिए दिया जाएगा।
सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष के सदस्य आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे। विपक्ष के सदस्य धनेंद्र साहू ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों के हक का पानी उद्योगों को दे रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों पर 12 सौ करोड़ रूपए जलकर का बकाया है। विपक्ष के सदस्य भूपेश बघेल ने सरकार पर किसानों के साथ छल किये जाने का आरोप लगाया। उन्होंने माग की कि सरकार वाटर बॉडी के पानी को लेकर कोई ठोस रणनीति बनाए। नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि सरकार बैरोजों के पानी में नल से आने वाले पेयजल के लिए जल योजना की घोषणा करे। सत्तापक्ष के सदस्य शिवरतन शर्मा ने खपरी एनीकट का पानी बलौदाबाजार को दिये जाने की मांग की। ऐसे में सत्तापक्ष और विपक्ष के सवालों से घिरे कृषि मंत्री ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि किसानों के हक का पानी उद्योगों को नहीं दिया जा रहा है। सरकार की पहली प्राथमिकता किसान है। जिसमें जलाशयों का 25 फीसदी पानी पेयजल और कृषि के लिये प्रदाय किया जा रहा है। कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हक का पानी काटकर कभी उद्योगों को नहीं दिया जाएगा। लेकिन विपक्ष के सदस्य सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखलाई पड़े और किसानों के हक का पानी उद्योगों को देना बंद करो के नारे लगाते हुए सदन से बर्हिगर्मन कर दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य धनेंद्र साहू ने प्रदेश में निर्मित एनीकट बैराज, जलाशयों का पानी उद्योगों को दिये जाने का मुद्दा सदन में उठाया। सदस्य ने पहले तो सरकार को किसानों के हक में फैसला लिये जाने पर बधाई दी। वही उद्योगों से 12 सौ करोड़ रुपये जलकर बकाया होने का आरोप लगाया। सदस्य ने सरकार से मांग की कि उन उद्योगों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करके जलकर वसूल किया जाए। जवाब में कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बताया कि सरकार ने जलकर की राशि के रूप में 464 करोड़ रुपये वसूल किए हैं। मंत्री का कहना था कि बहुत बड़ी राशि शासकीय संस्थानों में जलकर की है। जिसमें वसूली के प्रयास चल रहे है। विपक्ष के सदस्य धनेंद्र साहू ने जीएमआर कंपनी का 82 लाख रुपये जलकर बकाया का आरोप लगाते हुए साराडीह बैराज से बिना अनुबंध के पानी उद्योग द्वारा लिये जाने का आरोप लगाया जिसमें 1471 लाख रुपये जलकर बकाया होने के साथ चोरी का प्रकरण दर्ज करने की मांग की। जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश में जहां बैराज बन रहे है उन स्थानों पर उद्योगों से निर्माण के लिये एडवांस में पैसा लिया गया तथा अस्थायी स्वीकृति दी गई है। ऐसे में मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सदस्य ने मोहर जलाशय का निर्माण नहीं होने व रविशंकर सागर परियोजना में किसानों के हक का पानी उद्योगों को दिये जाने पर आपत्ति की। जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों के हक का पानी उद्योगों को नहीं दिया जा रहा है। बैराज का अतिरिक्त पानी उद्योगों को दिया जा रहा है। इसमें आवश्यकता पड़ी तो उद्योगों को पानी रोककर किसानों को दिया जायेगा क्योंकि सरकार की प्राथमिकता में किसान है। मंत्री ने कहा कि निर्माणाधीन समोदा बैराज से मेसर्स जीएमआर छ.ग. एनर्जी लिमिटेड के विरुद्ध पानी चोरी की शिकायत प्राप्त होने पर शिकायत की जांच कर 31 मई 2015 से 7 जून 2015 तक मेसर्स जीएमआर छत्तीसगढ़ एनर्जी लिमिटेड द्वारा बिना अनुबंध के पानी आहरण करने के फलस्वरूप सिंचाई अधिनियम 1974 की धारा 73 (1) में दिये गये प्रावधान के अनुसार 3 गुना दांडिक राशि सहित रु. 8202183.00 वसूल किये गये है।