मोदी की बराबरी राहुल गांधी कर सकते हैं : ज्योतिरादित्य

कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बराबरी कर सकते हैं। वह पार्टी और देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं।;

Update: 2017-05-21 17:57 GMT

नई दिल्ली।  कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रविवार को कहा कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बराबरी कर सकते हैं। वह पार्टी और देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। सिंधिया ने 'आजतक एडिटर्स राउंडटेबल' के दौरान कहा, "राहुल गांधी के पास अपार क्षमता है। उन्हें जमीन से जुड़े मुद्दों की गहरी समझ है।"

उन्होंने कहा, "मैं निजी तौर पर मानता हूं कि राहुल गांधी पार्टी और देश का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। उन्हें बस कुछ समय दीजिए।"सिंधिया ने कहा, "राहुल गांधी निश्चित ही मोदी की बराबरी कर सकते हैं। वह मोदी को चुनौती देंगे और कांग्रेस उस ब्लूप्रिंट के साथ जनता के पास जाएगी जिस पर पार्टी और राहुल काम कर रहे हैं..मुझे लगता है कि हमें उनके नेतृत्व में आगे बढ़ना चाहिए। हम 2019 में उनके नेतृत्व में सरकार बनाएंगे।"

लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे के स्थान पर सिंधिया को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, "भाग्य में क्या लिखा है.. पार्टी की क्या रणनीति है, ये कुछ ऐसी बातें हैं, जिनके बारे में मुझे जानकारी नहीं है।"

ज्योतिरादित्य ने राजनीति में अपने 15 सालों के अनुभव के बारे में कहा, "मैं कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता हूं। मेरा हमेशा से यही मानना रहा है।"हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि उनकी पार्टी को नए खाके की और उन राज्यों पर ध्यान देने की जरूरत है जहां कांग्रेस की वापसी की अधिक संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा, "हमें फिर से विचार करने की जरूरत है, हमने पिछले 10 वर्षो में कई अच्छे काम किए हैं, लेकिन तय ही है कि लोगों का विश्वास जीतने में कामयाब नहीं रहे। हमें नए ब्लूप्रिंट के साथ लोगों के बीच जाने की जरूरत है।"

जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के बारे में पूछने पर सिंधिया ने कहा कि कांग्रेस एक साझा उम्मीदवार पर आमराय बनाने के लिए सभी विपक्षी दलों के साथ चर्चा में हैं।

उन्होंने कहा, "हम सभी विपक्षी दलों से एक नाम पर सहमति बनाना चाहते हैं। चर्चाएं चल रही हैं। कांग्रेस अकेले ही इस पर फैसला नहीं ले सकती है।"यह पूछे जाने पर कि क्या प्रणब मुखर्जी उनके उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि वह दोबारा केवल तभी चुनाव उम्मीदवारी पेश करेंगे जब उनके नाम पर आम सहमति बनेगी।"
 

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