भाजपा की राजनीति ने मणिपुर को तोड़ दिया है: नागालैंड में राहुल गांधी
नागालैंड में राहुल गांधी का बड़ा आरोप-भाजपा-आरएसएस इस देश की सभी विभिन्न संस्कृतियों पर हमला कर रहे हैं;
नागालैंड में राहुल गांधी की जनसभा
भाजपा-आरएसएस इस देश की सभी विभिन्न संस्कृतियों पर हमला कर रहे हैं: नागालैंड में राहुल गांधी
जुन्हेबोटो (नागालैंड) 17 जनवरी 2024 (देशबन्धु): कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi in Nagaland ) ने कहा है कि भाजपा की राजनीति ने मणिपुर को तोड़ दिया है; उन्होंने मणिपुर को जलाया, विभाजित किया और हथियार बनाया है।
आज अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान यहां एक जनसमुदाय को अंग्रेजी में संबोधित करते हुए राहुल ने कहा-
“मैंने गांव में कुछ लोगों के साथ चाय पी। हम गाड़ी चला रहे थे और उन्होंने हमें अपने साथ चाय पीने के लिए आमंत्रित किया।
एक छोटी लड़की ने मुझसे भारत जोडो न्याय यात्रा के पीछे के विचार के बारे में पूछा।
मैंने उससे कहा कि यात्रा का उद्देश्य उनकी बात सुनना है। यह समझने के लिए कि नागालैंड के लोग क्या महसूस कर रहे हैं और उनकी जीवनशैली क्या है।“
मणिपुर में अशांति का ज़िक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि
“भाजपा की राजनीति ने मणिपुर को तोड़ दिया है; उन्होंने राज्य को जलाया, विभाजित किया और हथियार बनाया है।
एक भारतीय के रूप में, मुझे शर्म आती है कि मेरे प्रधान मंत्री अभी तक मणिपुर नहीं गए हैं!”
राहुल के भाषण का अंग्रेजी से नागा भाषा में लगातार अनुवाद भी उद्घोषित किया गया। इस संबंध में उन्होंने कहा कि-
“मुझे बताया गया कि नागालैंड के लोग अंग्रेजी समझते हैं। लेकिन मैं चाहता था कि मेरे भाषण का नागा भाषा में अनुवाद किया जाए। क्योंकि यह वह भाषा है जिसका आप उपयोग करते हैं। जब मैं यहां आऊंगा तो मुझे इसका सम्मान करना होगा।' जब मैं कर्नाटक, बंगाल या केरल जाता हूं तो ऐसा ही करता हूं।“
कांग्रेस नेता ने कहा कि
“भाजपा-आरएसएस इस देश की सभी विभिन्न संस्कृतियों पर हमला कर रहे हैं।
आप कौन सी भाषा बोलते हैं, आप किसकी पूजा करते हैं, आप क्या खाते हैं और आपकी विवाह परंपराएं किसी और का मामला नहीं होना चाहिए!”
पूर्वोत्तर के राज्यों की महत्ता बताते हुए उन्होंने कहा कि
“नागालैंड में मैंने सचमुच बहुत विशेष समय बिताया है। हम यह संदेश देना चाहते थे कि उत्तर-पूर्व भारत के किसी भी अन्य हिस्से जितना ही महत्वपूर्ण है।
जनसंख्या कम हो तो कोई बात नहीं; महत्व वही होना चाहिए!”