नगर निगम के रवैये से स्वच्छता अभियान पर उठे सवाल
स्मार्ट सिटी में शामिल होने के लिए लगता कोशिश कर रहा गाजियाबाद को नगर निगम से ही झटका मिलना शुरू हो गया है;
गाजियाबाद। स्मार्ट सिटी में शामिल होने के लिए लगता कोशिश कर रहा गाजियाबाद को नगर निगम से ही झटका मिलना शुरू हो गया है । दरअसल नगर निगम ने अभी तक सामुदायिक शौचालयों का निमार्ण करवाना था लेकिन नगर निगम अभी तक उसको पूरा नहीं कर पाया है ।
आप को बता दे कि टारगेट को भी नगर निगम पूरा नहीं कर पाया। निगम को 63 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराना था लेकिन अब तक निगम सिर्फ 16 शौचालय ही बना पाया है। खास बात यह है कि निर्माण पूरा होने के बावजूद इन 16 शौचालयों का संचालन नहीं किया जा रहा है। अब इनके संचालन के लिए प्राइवेट संस्थाओं को तलाशा जा रहा है। यही नही शौचलयों की कमी को लेकर एनजीटी भी नगर निगम को फटकार लगा चुकी है। इसके बाद शहरों को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने भी फंड जारी किया गया है । निगम ने 63 ऐसे स्थानों को चिह्नित किया था, जहां सामुदायिक शौचालय बनाए जाने की जरूरत है। इनमें से अधिकांश स्थान ऐसे हैं जहां झुग्गियां या मलिन बस्तियां बसी हैं।
यहां तैयार हो चुके सामुदायिक शौचालय
वैम्बे कालोनी, विकलांग कालोनी, दीनदयालपुरी, लोनी रोड स्थित पंचशील कालोनी, राठी इस्पात मिल के पास, संजय कालोनी अर्थला, वसुंधरा सेक्टर-01, सिहानी, राजेंद्र नगर इंडस्ट्रियल एरिया, मोहन नगर गैराज, कुटी गांव भोपुरा, हिंडन विहार रेत मंडी, संजय नगर एम ब्लाक, वैशाली सेक्टर-2, विवेकानंद नगर, बीईएल कालोनी ब्रिज विहार के पास।