पुलवामा हमले के आरोपी को जमानत, कांग्रेस ने भाजपा को घेरा

कांग्रेस ने पुलवामा हमले के आरोपी यूसुफ चोपन की जमानत को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा;

Update: 2020-02-28 22:04 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने पुलवामा हमले के आरोपी यूसुफ चोपन की जमानत को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने में विफल रही है। इस हमले में पिछले साल 14 फरवरी को सीआरपीएफ के 40 जवान मारे गए थे। कांग्रेस ने गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) प्रमुख के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, "या तो सरकार सक्षम नहीं है या फिर वे झूठ बोल रहे हैं।"

कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, "हम गृहमंत्री और एनआईए प्रमुख के इस्तीफे की मांग करते हैं। दिल्ली दंगों के लिए गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की गई है, लेकिन अब जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी का एक महत्वपूर्ण मामला सामने आया है।"

एनआईए ने उन दावों को खारिज कर दिया है कि पुलवामा मामले में यूसुफ चोपन को गिरफ्तार किया गया था। जांच एजेंसी ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि चोपन को पुलवामा हमले के मामले में कभी गिरफ्तार ही नहीं किया गया था।

एनआईए ने कहा, "उसे जैश-ए-मोहम्मद साजिश मामले में छह अन्य लोगों के साथ पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किया गया था।"

इस मुद्दे को सिंघवी के अलावा अन्य कांग्रेस नेता भी प्रमुखता से उठा चुके हैं। पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल ने गुरुवार को इस मुद्दे को उठाया, जिसके बाद एक अन्य प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भी सवाल उठाए।

कांग्रेस ने इस मामले में सीधे तौर पर कई प्रश्न पूछे हैं। सिंघवी ने सवाल करते हुए कहा, "क्या यूसुफ चोपन नाम का व्यक्ति जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी है? अगर इसका जवाब 'हां' है, तो क्या जैश-ए-मोहम्मद संसद, पुलवामा और इसी तरह के कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है?"

सिंघवी ने सवाल किया कि पुलवामा हमले के आरोपी चोपन के खिलाफ आरोपपत्र (चार्जशीट) दायर क्यों नहीं की गई।

इसके अलावा इस मुद्दे को कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी ट्वीट के जरिए उठाया है।

उन्होंने ट्वीट किया, "पुलवामा उग्रवादी हमले के दोषी को जमानत, क्योंकि एनआईए ने न तो सबूत इकट्ठे किए और न ही आरोपपत्र दाखिल किया। पुलवामा हमले पर राजनीतिक रोटियां सेंक ली, सरकार भी बना ली, अब देश व शहीदों के बलिदान की मोदी सरकार को कहां परवाह! ये देशद्रोह नहीं तो क्या है?"

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