विरोध प्रदर्शन से परहेज नहीं है, पर माहौल बिगाडऩे की साजिश सफल न होने दें : भूपेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रायपुर के न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कवर्धा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा का सबक याद दिलाया गया;

Update: 2021-10-22 09:57 GMT

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में रायपुर के न्यू सर्किट हाउस ऑडिटोरियम में कलेक्टर्स कॉन्फ्रेंस में कवर्धा में हुई साम्प्रदायिक हिंसा का सबक याद दिलाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मुझे विरोध प्रदर्शन से परहेज नहीं है, लेकिन माहौल बिगाडऩे की साजिश को सफल नहीं होने दिया जाना है। इसके लिए जिले का मजबूत सूचना तंत्र विकसित करें।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रशासन की सजगता से ही कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर हो सकती है। संचार क्रांति के दौर में एक स्थान की घटना का असर पूरे प्रदेश और देश में होता है। ऐसे में प्रशासन की जिम्मेदारी बहुत अधिक है। छत्तीसगढ़ शांति का टापू है। यहां कानून-व्यवस्था को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के दौर में सूचना ही शक्ति है। ऐसे में सोशल मीडिया का पर्यवेक्षण जरूरी है। जिला प्रशासन का सूचना तंत्र सुदृढ़ किया जाना जरूरी है। गलत तथ्यों का खंडन करें, अफवाह न फैलने दें। प्रशासन का इकबाल होना चाहिए। हर हाल में सौहार्द्र का वातावरण बना रहना चाहिए। साम्प्रदायिक सद्भाव छत्तीसगढ़ी संस्कृति की पहचान है, किसी भी व्यक्ति या संस्था को इसे बिगाडऩे नहीं दिया जाएगा।

कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता देने का निर्देश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी जिला दंडाधिकारी (कलेक्टर) की है। जिला दंडाधिकारी को टीम लीडर के रूप में कार्य करना है। जिला दंडाधिकारी साप्ताहिक समीक्षा बैठक से पहले जिले पुलिस अधीक्षक, कार्यपालिक दंडाधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की समीक्षा कर लिया करें। इस बैठक में पिछले सप्ताह की स्थिति की समीक्षा की जाए और आने वाले सप्ताह में कानून-व्यवस्था की चुनौतियों का पूर्वानुमान लगाएं और रणनीतिक योजना बनाएं। लोगों के बीच शासन-प्रशासन की पैठ स्थापित होनी चाहिए।

काम से होगा आकलन

बैठक की शुरुआत में ही मुख्यमंत्री ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय से लिए गए निर्णय को धरातल पर पहुंचाने का जिम्मा जिला प्रशासन पर है। इसकी समीक्षा आंकड़ों से नहीं होगी। इसका आकलन लोगों को इन योजनाओं से पहुंचे प्रत्यक्ष लाभ से किया जाएगा।

सिटिजऩ चार्टर में निर्धारित समय सीमा में निराकरण करें

मुख्यमंत्री ने राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा के दौरान कहा कि हर स्थिति में राजस्व प्रकरणों का सिटिजऩ चार्टर में निर्धारित समय सीमा में निराकरण होना ही चाहिए। यह राजस्व अधिकारियों का मूल कार्य है। अविवादित नामांतरण, खाता विभाजन जैसे सरल कार्य तत्काल किए जायें। सभी प्रकरणों का पंजीयन अनिवार्य रूप से हो। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जि़म्मेदारी तय करें। उन्होंने कहा कि जाति प्रमाण पत्र के कार्यों को पूर्ण करने के लिए विशेष अभियान चला कर कैम्प लगाए जायें। इस कार्य को समय सीमा में पूर्ण करने हेतु राजस्व विभाग एवं जि़ला प्रशासन तत्काल कार्यवाही करें। आबादी भूमि को फ्री-होल्ड करने के लिए कलेक्टर विशेष ध्यान दें, यह शासन का महत्वपूर्ण निर्णय है। इसका क्रियान्वयन बेहतर ढंग से हो। राजस्व प्रशासन से संबंधित शासन स्तर पर लंबित विषयों की समीक्षा मुख्य सचिव स्तर पर की जाए। समय सीमा का निर्धारण प्रत्येक स्तर पर निर्धारित किया जाए।

अतिक्रमण पर प्रभावी रोकथाम

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को नए अतिक्रमण पर प्रभावी रोकथाम लगाने, नियमानुसार अतिक्रमण व्यवस्थापन की कार्यवाही में तेज़ी लाकर नागरिकों को मालिकाना हक़ दिलाने के साथ साथ शासन के राजस्व में वृद्धि हेतु गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए। राजस्व वृद्धि हेतु भू-संसाधनों के उपयोग हेतु कलेक्टर समय सीमा में कार्यवाही पूर्ण करें।

गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क केरूप में विकसित करने कार्य कर

मुख्यमंत्री ने कहा है कि शहरीकरण के बढ़ते दबाव और शहरों में उपलब्ध सीमित संसाधनों को दृष्टिगत रखते हुए अर्थव्यवस्था का विकेंद्रीकरण किया जाना आवश्यक है। राज्य सरकार लगातार ग्राम स्तर पर अच्छी आधारभूत अधोसंरचना, बेहतर स्कूल शिक्षा और आजीविका के नए साधन सृजित करने हेतु संकल्पित है। अब इस दिशा में आगे बढऩा है। कलेक्टर गांव के गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने के लिए योजनाबद्ध रूप से कार्य करें।

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