शस्त्र अधिनियम-1959 में संशोधन करने की प्रक्रिया शुरू

देशभर में अवैध हथियारों के प्रसार को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने शस्त्र अधिनियम-1959 में संशोधन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है;

Update: 2019-10-02 21:54 GMT

नई दिल्ली। देशभर में अवैध हथियारों के प्रसार को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार ने शस्त्र अधिनियम-1959 में संशोधन करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया, "पूर्वोत्तर में प्रतिबंधित विद्रोही समूहों द्वारा उपयोग के लिए चीन में निर्मित हथियार की भारत में तस्करी की जा रही है। पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन भी नियंत्रण रेखा (एलओसी) के जरिए अवैध हथियारों की तस्करी कर रहे हैं।"

शस्त्र अधिनियम-1878 के स्थान पर शस्त्र अधिनियम-1959 लाया गया था। पिछले महीने मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखा कि वे शस्त्र अधिनियम-1959 के विभिन्न वर्गो में आवश्यक संशोधनों पर अपनी प्रतिक्रियाएं दें। गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "इसकी सख्त जरूरत है।"

अधिकारी ने कहा कि हम देश में अवैध हथियारों की तस्करी रोकने के लिए कठोर सजा के प्रावधान की योजना बना रहे हैं।

अधिकारी के बताया, "अगर कोई व्यक्ति दूसरी बार इस तरह का अपराध करते हुए पाया जाता है, या दो से अधिक लोग अवैध हथियार और गोला-बारूद के साथ पकड़े जाते हैं तो उन पर मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट-1999) के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।"

इसके अलावा मंत्रालय हथियारों की दुकानों के साथ ही देश की 41 ऑर्डनन्स फैक्ट्री (देश के लिए युद्ध सामग्री बनाने वाले कारखाने) में चोरी जैसी घटनाओं पर रोकथाम लगाने पर भी विचार कर रहा है। संशोधित अधिनियम में सभी पंजीकृत हथियारों की दुकानों पर शस्त्रों के निरीक्षण का प्रावधान भी होगा।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार, 2016 में देशभर में 3,453 हत्याओं में अवैध हथियारों का इस्तेमाल किया गया था। इसके अलावा विभिन्न आधिकारिक एजेंसियों ने उसी एक साल के दौरान पूरे भारत में 55 हजार 660 अवैध हथियार और कुल एक लाख छह हजार 900 गोला-बारूद जब्त किए थे।

दो राज्य के पुलिस बलों के महानिदेशक की जिम्मेदारी संभाल चुके सेवानिवृत्त भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी प्रकाश सिंह ने आईएएनएस को बताया, "हथियारों की तस्करी एक बहुत ही गंभीर समस्या बनती जा रही है और पूरे पूर्वोत्तर के उग्रवाद को तस्करी के अवैध हथियारों के साथ समर्थन दिया जा रहा है।"

सिंह ने कहा, "इनमें से बहुत से हथियारों का निर्माण चीन के युन्नान प्रांत में चीन नॉर्थ इंडस्ट्रीज (नॉरिन्को) में किया जाता है, जिनकी तस्करी भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में की जाती है।"

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