प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया, शिवसेना में होंगी शामिल
अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की प्रवक्ता एवं पार्टी के संचार विभाग की संयोजक प्रियंका चतुर्वेदी ने बीते कुछ दिनों में उनके साथ दुर्व्यवहार किये जाने एवं ऐसा करने वालों को नेतृत्व द्वारा संरक्षण दिये;
नयी दिल्ली । अखिल भारतीय कांग्रेस समिति की प्रवक्ता एवं पार्टी के संचार विभाग की संयोजक प्रियंका चतुर्वेदी ने बीते कुछ दिनों में उनके साथ दुर्व्यवहार किये जाने एवं ऐसा करने वालों को नेतृत्व द्वारा संरक्षण दिये जाने के आरोप लगाते हुए पार्टी के सभी पदों एवं प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है।
श्रीमती चतुर्वेदी ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना त्यागपत्र भेज दिया है। उन्होंने बीते एक सप्ताह के दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं के कथित दुर्व्यवहार और उन्हें लेकर पार्टी के नेतृत्व के रवैये पर दुख व्यक्त करते हुए यह भी कहा कि उन्हें महसूस हो रहा है कि कांग्रेस में वह अपने स्वाभिमान एवं आत्मसम्मान की कीमत अदा करने लगी हैं। उन्होंने कहा, “काफी दुखी हूं कि कांग्रेस में अपना खून-पसीना बहाने वालों से ज्यादा गुंडों को तरजीह मिल रही है। पार्टी के लिए मैंने गालियां और पत्थर खाये हैं, लेकिन उसके बावजूद पार्टी में रहने वाले नेताओं ने ही मुझे धमकियां दीं। जो लोग धमकियां दे रहे थे, वह बच गए हैं। उनका बिना किसी कार्रवाई के बच जाना दुर्भाग्यपूर्ण हैं।”
I am absolutely overwhelmed and grateful with the love and support I have got across board from the nation in the past 3 days.
I consider myself blessed with this immense outpouring of support. Thank you to all who have been a part of this journey. pic.twitter.com/WhUYYlwHLj
श्रीमती चतुर्वेदी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर यह पत्र अपलोड किया है। उन्होंने ट्विटर हैंडल से एआईसीसी प्रवक्ता का पद नाम भी हटा दिया है हालांकि उन्होंने गांधी को भेजे त्यागपत्र में अपने दस साल के राजनीतिक जीवन में मिले उनके समर्थन एवं सहयोग के लिए आभार भी जताया है।
बताया गया है कि चंद दिनों पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा में राफेल मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में श्रीमती चतुर्वेदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरा था जिसमें कांग्रेस के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने उनके साथ बदसलूकी की थी। इसके बाद उन कार्यकर्ताओं पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई लेकिन बाद में बड़े नेताओं के कहने पर ये कार्रवाई रद्द कर दी गई। श्रीमती चतुर्वेदी को यही बात नागवार गुजरी।