निजी स्कूल संचालक कोरोना से मरने वाले अभिभावकों के बच्चों से नहीं लेंगे फीस

कोरोना काल में जिन बच्चों के अभिभावकों की असमय मौत हो गई है, उनके लिए निजी स्कूलों ने फीस नहीं लेने का फैसला लिया है;

Update: 2021-05-12 06:50 GMT

रायपुर। कोरोना काल में जिन बच्चों के अभिभावकों की असमय मौत हो गई है, उनके लिए निजी स्कूलों ने फीस नहीं लेने का फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे सभी स्कूली शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थी जिन्होंने महामारी में अपने संरक्षकए अभिभावक या कमाने वाले मुखिया को खोया है, उन्हें आरटीई के तहत पंजीकृत कर दिया जाए। संगठन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि जब तक राज्य सरकार इस पर कोई फैसला नहीं लेती है तब तक न ही किसी विद्यार्थी की पढ़ाई रोकी जाएगी और न ही फीस के अभाव में स्कूल से निकाला जाएगा। कोरोना संक्रमण में अनाथ हुए बच्चों को अपने स्कूलों में पढ़ाएगा और उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी। यदि आपके पास हो ऐसे बच्चों की जानकारी तो करें पंजीयन

अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि यदि किसी परिवार में इस तरह कोई विद्यार्थी हैए तो उनके स्वजन कोई आसपास के लोग हमारी वेबसाइट पर पंजीयन करा सकते हैं। यदि कोई दिक्कत हो तो संपर्क नंबर 9993699665 पर बच्चे की जानकारी दे सकते हैं। बता दें कि कोरोना काल में हो रही लगातार मौतों के कारण कई परिवार उजड़ गए हैं। कई बच्चे ऐसे हैं जिनकी देखरेख करने वाला ही अब कोई नहीं बचा है। ऐसी स्थिति में निजी स्कूलों की तरफ से लिया गया यह फैसला काबिले तारीफ है। गौरतलब है कि निजी स्कूलों में 25 फीसद सीटों पर आरटीई के तहत गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का दाखिला कराया जाता है।

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