राष्ट्रपति महात्मा गाँधी को स्वच्छ तथा स्वस्थ भारत की कार्यांजलि देनी है: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति महात्मा गाँधी को स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता प्रिय होने का जिक्र करते हुए आज कहा कि उनकी 150वीं जयंती पर उन्हें स्वच्छ तथा स्वस्थ भारत की कार्यांजलि देनी है;
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति महात्मा गाँधी को स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता प्रिय होने का जिक्र करते हुए आज कहा कि उनकी 150वीं जयंती पर उन्हें स्वच्छ तथा स्वस्थ भारत की कार्यांजलि देनी है।
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पीएम मोदी ने यहाँ राष्ट्रपति भवन में ‘गाँधी एट 150’ के नाम से बापू की 150वीं जयंती वर्ष की शुरुआत और ‘महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन’ के समापन के संयुक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा “बापू का सपना स्वच्छता से संकल्पित था।
आजादी की लड़ाई के समय गाँधी जी ने कहा था कि स्वच्छता और स्वतंत्रता में वह स्वच्छता को प्राथमिकता देंगे। सवाल यह है कि महात्मा गाँधी बार-बार स्वच्छता पर इतना जोर क्यों देते थे। सिर्फ इसलिए नहीं कि स्वच्छता से बीमारी नहीं होती, बल्कि इसलिए कि जब हम गंदगी को दूर नहीं करते तो अस्वच्छता हमें परिस्थितियों को स्वीकार करने की प्रवृति की ओर ले जाती है। अस्वच्छता चेतना को जकड़ देती है। बापू का स्वच्छता जनांदोलन जड़ता से चेतनता की ओर ले जाने का प्रयास था।”
विश्व को स्वच्छ बनाने के लिए 4P आवश्यक हैं। ये चार मंत्र हैं: Political Leadership , Public Funding, Partnerships, People’s participation: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi https://t.co/vUo3dHYHNC #SwachhBharatDiwas
इसी जनभावना का परिणाम है कि 2014 से पहले ग्रामीण स्वच्छता का जो दायरा लगभग 38% था, आज 94% हो चुका है।
भारत में खुले में शौच से मुक्त- ODF गांवों की संख्या 5 लाख को पार कर चुकी है।
भारत के 25 राज्य खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं: पीएम #SwachhBharatDiwas
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गाँधी जी के विचारों के प्रभाव का ही परिणाम था कि चार पहले 15 अगस्त 2014 को लाल किले से उन्होंने 02 अक्टूबर 2019 को उनकी 150वीं जयंती तक देश को खुले में शौच से मुक्त करने का अभियान शुरू करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा “मुझे गर्व है कि मैंने उनके मार्ग पर चलते हुये ‘स्वच्छ भारत’ अभियान को जनांदोलन बना दिया है। महात्मा गाँधी को 150वीं जयंती पर स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कार्यांजलि देनी है।”
आज मुझे गर्व है कि गाँधी जी के मार्ग पर चलते हुए सवा सौ करोड़ भारतवासियों ने स्वच्छ भारत अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बना दिया है :
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जब व्यक्ति गंदगी को स्वीकार नहीं करता, उसे साफ करने के लिए प्रयत्न करता है, तो उसकी चेतना भी चलायमान हो जाती है।
उसमें एक आदत आती है कि वो परिस्थितियों को ऐसे ही स्वीकार नहीं करेगा: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi https://t.co/vUo3dHYHNC #Gandhi150 #SwachhBharatDiwas
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की मौजूदगी में आयोजित इस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि स्वच्छता और साफ-सफाई भारतीय परंपरा का हिस्सा रहा है। भारत संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है और स्वच्छता के साथ ही पोषण पर भी जनांदोलन शुरू कर चुका है। उन्होंने गुटेरेस को आश्वस्त किया कि एसडीजी को हासिल करने में भारत की अग्रणी भूमिका होगी।
अगर आप बहुत बारीकी से गौर करेंगे, मनन करेंगे, तो पाएंगे कि जब हम अस्वच्छता को दूर नहीं करते तो वही अस्वच्छता हम में परिस्थितियों को स्वीकार करने की प्रवृत्ति पैदा करने लगती है: प्रधानमंत्री श्री @narendramodi https://t.co/vUo3dHYHNC #SwachhBharatDiwas pic.twitter.com/7GkKa6jXhc