जम्मू-कश्मीर, लद्दाख में आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग को कठिन क्षेत्र माना जाएगा

एजीएमयूटी कैडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में पोस्टिंग को अब कठिन क्षेत्र में पदस्थापन के तौर पर माना जाएगा;

Update: 2022-01-21 02:24 GMT

नई दिल्ली। एजीएमयूटी कैडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में पोस्टिंग को अब कठिन क्षेत्र में पदस्थापन के तौर पर माना जाएगा। केंद्र सरकार की एक अधिसूचना में यह जानकारी दी गई है।

18 जनवरी को जारी अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार द्वारा इस आशय का निर्णय लिया गया है। केंद्र सरकार ने इस बारे में निर्णय लिया है और अरूणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के पदस्थापन एवं स्थानांतरण के बारे में संशोधन किया गया है।

5 अगस्त, 2019 को जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के बाद, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर कैडर को 2021 में एजीएमयूटी में मिला दिया गया था।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, जम्मू-कश्मीर कैडर का एजीएमयूटी में विलय करने के बाद मामले पर गौर किया गया और सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी से निर्णय किया गया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को एजीएमयूटी कैडर में बी श्रेणी यानी कठिन क्षेत्र माना जाएगा।

कैडर के आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की पोस्टिंग को नियमित यानी रेगुलर और कठिन (हार्ड) क्षेत्रों में की गई पोस्टिंग में विभाजित किया गया है। इसके साथ ही दिल्ली, चंडीगढ़, गोवा, पुडुचेरी, दादर नागर हवेली और दमन तथा दीव में पदस्थापन को नियमित क्षेत्र या ए श्रेणी का माना जाएगा, जबकि अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर तथा लद्दाख में पदस्थापन को कठिन क्षेत्र या बी श्रेणी का माना जाएगा।

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