अदालत में बड़ा मोड़! राहुल गांधी केस की सीडी निकली खाली

पुणे की खास एमपी/एमएलए अदालत में राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि केस की सुनवाई हुई;

Update: 2025-11-29 05:14 GMT

मानहानि केस में सबूत फेल, कोर्ट में पेश सीडी में डेटा नहीं

  • सावरकर पर बयान मामले में सुनवाई, अदालत ने यूट्यूब वीडियो को सबूत मानने से किया इनकार
  • राहुल गांधी केस में शिकायतकर्ता को झटका, कोर्ट ने दूसरी सीडी की मांग ठुकराई

नई दिल्ली। पुणे की खास एमपी/एमएलए अदालत में गुरुवार को राहुल गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि केस की सुनवाई हुई। इस केस में आरोप है कि राहुल गांधी ने लंदन में दिए एक भाषण में हिंदू विचारक विनायक दामोदर सावरकर के बारे में गलत बातें कही थीं।

इस मामले में सबूत के तौर पर एक सीडी अदालत में दी गई थी। लेकिन जब अदालत में वह सीडी चलाई गई, तो सब हैरान रह गए—सीडी पूरी तरह खाली थी।

यह केस मजिस्ट्रेट अमोल शिंदे देख रहे हैं। शिकायत सावरकर के परपोते सत्यकी सावरकर ने की थी।

रिपोर्ट के मुताबिक, पहले इसी सीडी को अदालत में दिखाया गया था और उसी आधार पर राहुल गांधी को बुलाया गया था। लेकिन अब जब सीडी दोबारा चलाई गई, उसमें कोई वीडियो या डेटा नहीं मिला।

शिकायतकर्ता के वकील संग्राम कोल्हटकर ने कहा कि अदालत ने पहले इसी सीडी को देखा था। उन्होंने अदालत से यूट्यूब पर मौजूद भाषण दिखाने की इजाजत मांगी। लेकिन राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर मौजूद वीडियो अपने आप में सबूत नहीं माना जा सकता।

मजिस्ट्रेट ने भी यही कहा कि भारतीय कानून (धारा 65-बी) के हिसाब से ऑनलाइन वीडियो को सबूत मानने के लिए खास प्रमाणपत्र चाहिए। बिना प्रमाणपत्र के वीडियो अदालत में मान्य नहीं होगा।

इसके बाद अदालत ने सत्यकी की वह याचिका भी खारिज कर दी जिसमें उन्होंने दूसरी सीडी चलाने की मांग की थी। अदालत ने साफ कहा कि रिकॉर्ड में ऐसी कोई सीडी नहीं है।

कुल मिलाकर, जिस सीडी को सबूत बताया गया था, उसमें कोई डेटा ही नहीं निकला। अदालत ने यूट्यूब लिंक को भी सबूत मानने से मना कर दिया।

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