पुलिस आरक्षण ने गरीबों बच्चों के साथ मनाई दीपावली
हमेशा से हमने देखते आया है कि पुलिस की वर्दी में सख्त रूप मगर आज हम वर्दी के पीछे छुपे एक और रूप के बारे में बताएंगे जो लोगो के बीच जाकर हमेशा से लोगो के लिए उनके सुख दुख का साथी बनते आया है;
सरायपाली। हमेशा से हमने देखते आया है कि पुलिस की वर्दी में सख्त रूप मगर आज हम वर्दी के पीछे छुपे एक और रूप के बारे में बताएंगे जो लोगो के बीच जाकर हमेशा से लोगो के लिए उनके सुख दुख का साथी बनते आया है। हम बात कर रहे हैं महासमुंद जिले के थाना - सांकरा में पदस्थ आरक्षक नरेन्द्र प्रधान की जो सरायपालीके तोरेसिंहा गांव से है, जिन्हों ने पिछले 3 -4 वर्षों सेअपने गांव तोरेसिंघा में वृद्ध जनों व छोटे बच्चो को शाल, मिठाई, और फटाके बांट दिपावली मनाते हैं तथा थाना सांकरा में रात्रि ड्यूटी के दौरान ग्राम सवित्रिपुर में भी लोगो को मिठाई वितरण कर दीपावली की दी बधाई देते है आरक्षक नरेन्द्र प्रधान ने बताया कि पिछले 3 वर्षो से दीपावली में इसी तरह लोगो को बधाई देते है, जिससे ग्रामीण लोग अपनी दीपावली खुशी खुशी मनाते है ।
आरक्षक नरेन्द्र प्रधान ने बताया पहले वो 8 से 10 हजार का फटाका हर दीपावली में फोड़ कर बर्बाद कर देते थे जिसका कोई मतलब नहीं निकलता था, पर पिछले 3-4 सालों से ग्रमीणों को वही 8 से 10 हजार का शाल , बच्चों के लिए फटाके, व मिठाई, वितरण करते है जिससे लोग भी खुश रहते है व आशिर्वाद भीदेते है और सबसे बड़ी बात मन को बहुत शांति मिलती है। आरक्षक नरेन्द्र प्रधान के इस कार्य से अंचल के लोग भी काफी तारीफ़ हो रही है