बच्चों से काम करवाने व बाल भिक्षावृत्ति पर लगाम के लिए पुलिस उठा रही कदम
पढऩे लिखने की उम्र में छोटे.छोटे नौनिहालों को भिक्षावृत्ति के दंश में झोंकने और बच्चों से काम करवाने वाले लोगों की अब खैर नही हैं;
रायपुर। पढऩे लिखने की उम्र में छोटे.छोटे नौनिहालों को भिक्षावृत्ति के दंश में झोंकने और बच्चों से काम करवाने वाले लोगों की अब खैर नही हैं। शहर में हो रही भिक्षावृत्ति से चिंतित राजधानी पुलिस ने आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय यादव के निर्देशन एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले के मार्गदर्शन में शहर के कई थाना क्षेत्रों में जिला बाल संरक्षण इकाई और चाइल्ड लाइन की टीम के साथ चौक.चौराहों पर भिक्षावृत्ति कर रहे लोगों के खिलाफ अभियान चलाया।
पुलिस ने शहर के मौदहापारा,गोलबाजार, जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड, शास्त्री चौक, देवेंद्र नगर चौक और शारदा चौक इलाकों में भिक्षावृत्ति में लिप्त नाबालिग बच्चों और उनके परिजनों को समझाईश दी। चौक चौराहों पर सामानों की बिक्री कर रहे बच्चों को समझा कर घर भेजा और उनके परिजनों को सख्त चेतावनी दी। इस दौरान 14 से अधिक बच्चों और उनके पालकों को समझाईश दी गई। सम्पूर्ण कार्रवाई के दौरान शहर के विभिन्न थानों के थाना प्रभारी एवं सामाजिक कार्यकर्ता नेहा परवीन उपस्थित थी।
भिझावृत्ति एक सामाजिक बुराई है और अज्ञानता में गरीब लोग अपने मासूम बच्चों को इस ओर धकेल देते हैं। बहुत से लोग बच्चों का फायदा भी उठाने के मकसद से उन्हें इस पेशे में फंसा देते हैं। इन बच्चों का जीवन इस प्रवृत्ति में फंसकर बरबाद हो जाता है। भविष्य में ऐसे बच्चों को बेहद समस्याओं का सामना करना पड़ता हैए क्योंकि उनके अंदर जीविकोपार्जन के लिए दूसरा कोई कार्य कौशल विकसित ही नहीं हो पाता।
राजधानी रायपुर को भिक्षावृत्ति मुक्त शहर के रूप में पहचान दिलाने के लिए प्रशासन भी अब कदम उठा रहा है। वर्तमान हालात में देखें तो शहर में बड़ी संख्या में बाल भिक्षावृत्ति सहित बहुत से बड़ी उम्र के लोग भी भिक्षावृत्ति में संलिप्त दिखाई देते हैं। हाल के दिनों में शहर में ऐसे लोगों की तादात भी तेजी के साथ बढ़ी है।