गुजरात: अमित शाह ने बनास डेयरी के बायो सीएनजी और फर्टिलाइजर प्लांट का किया उद्घाटन

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के वाव-थराद जिले में बनास डेयरी द्वारा नवनिर्मित बायो सीएनजी और फर्टिलाइजर प्लांट का उद्घाटन और 150 टन के पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया;

Update: 2025-12-06 17:55 GMT

गांधीनगर। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के वाव-थराद जिले में बनास डेयरी द्वारा नवनिर्मित बायो सीएनजी और फर्टिलाइजर प्लांट का उद्घाटन और 150 टन के पाउडर प्लांट का शिलान्यास किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि बनासकांठा में बनास डेयरी की शुरुआत करने वाले गलबाभाई नानजीभाई पटेल ने जो यात्रा शुरू की थी, वह धीरे-धीरे बढ़ते-बढ़ते इस मुकाम तक पहुंच गई है कि यहां 24 हजार करोड़ रुपए तक का कारोबार हो रहा है।

उन्होंने कहा कि वे देशभर में जहां भी जाते हैं, वहां गर्व से कहते हैं कि गुजरात के गांवों को समृद्ध बनाने का काम गुजरात की माताओं-बहनों ने किया है। यहां के किसान भाइयों, विशेष रूप से सहकारी आंदोलन के अग्रणी लोगों, गांव की दूध मंडलियों के चेयरमैन और बनास डेयरी के डायरेक्टर्स को शायद पता भी न हो कि उन्होंने कितना बड़ा चमत्कार कर दिखाया है।

उन्होंने कहा कि 24 हजार करोड़ रुपए की कंपनी खड़ी करना बड़े-बड़े कॉर्पोरेट्स के लिए भी पसीना छुड़ाने वाला काम होता है, लेकिन बनासकांठा की बहनों और किसानों ने देखते-ही-देखते कंपनी खड़ी कर दी। उन्होंने कहा कि 1985–87 के अकाल के बाद जब वह इस इलाके में आते थे और किसानों से पूछते थे तो बताया जाता था कि वे पूरे साल में सिर्फ एक फसल उगा पाते हैं, लेकिन अब बनासकांठा का किसान एक साल में तीन-तीन फसल उगाता है। मूंगफली भी उगाता है, आलू भी उगाता है, गर्मियों में बाजरा भी बोता है और खरीफ की फसल भी लेता है, जबकि 25 साल पहले बनासकांठा में तीन फसल की खेती करना एक स्वप्न मात्र था।

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने गुजरात के उन इलाकों में पानी उपलब्ध कराने का काम किया, जहां पानी कम था। उन्होंने कहा कि सुजलाम–सुफलाम योजना के तहत नर्मदा और माही नदी का अतिरिक्त पानी बनासकांठा पहुंचा। पहले यहां का किसान दूसरों के खेतों में मजदूरी करता था। आज वही किसान अपनी जमीन को स्वर्ग बना चुका है और पूरे बनासकांठा को समृद्ध बना दिया है।

उन्होंने कहा कि बनास डेयरी आज एशिया की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक डेयरी बन चुकी है। इसमें गलबाभाई का बड़ा योगदान है। गलबाभाई ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके हृदय में केवल किसान हित की भावना बसती थी। शाह ने कहा कि बहुत सारे लोगों द्वारा थोड़े-थोड़े रुपए इकट्ठा करके बड़ा काम करने का उनका विचार एक विशाल वटवृक्ष बन गया है, जो देश ही नहीं, विश्व के सभी सहकारी आंदोलनों को प्रेरणा दे रहा है।

उन्होंने कहा कि अभी तक अमूल के नेतृत्व में गुजरात की डेयरियां दूध इकट्ठा करती थीं, प्रोडक्ट बनाती थीं, बेचती थीं और जो लाभ होता था, उसे सीधे बहनों और किसानों के बैंक खाते में डाल देती थीं। इस मामले में हम दुनिया में सबसे आगे रहे हैं, लेकिन अब समय आ गया है कि हम डेयरी को पूरी तरह सर्कुलर इकोनॉमी बनाएं।

उन्होंने कहा कि गाय-भैंस का एक ग्राम गोबर भी बर्बाद न हो, उससे जैविक खाद बने, बायो-गैस बने, बिजली बने और उससे जो कमाई हो, वह भी वापस किसान के पास आए। उन्होंने कहा कि बनास डेयरी ने जो बायो सीएनजी प्लांट की परंपरा खड़ी की, वह देशभर की सहकारी समितियों के लिए आदर्श बनेगी।

अमित शाह ने कहा कि हर गांव की दूध मंडली को माइक्रो-एटीएम भी दे दिया गया है, जिससे फाइनेंस का काम बहुत आसान हो गया है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने श्वेत क्रांति 2.0 के लिए कई बड़े लक्ष्य रखे हैं और पूरा विश्वास है कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन, एनिमल हसबैंड्री इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड, पुनर्गठित राष्ट्रीय डेयरी योजना तथा राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम इन चारों स्तंभों के साथ श्वेत क्रांति 2.0 जरूर सफल होगी।

अमित शाह ने कहा कि बाबा साहेब ने जो संविधान इस देश को दिया, उसके बल पर दलित, गरीब, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग भी सम्मानपूर्ण जीवन जी सकें, ऐसी मजबूत व्यवस्था खड़ी हुई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज यहां कई नई शुरुआतें हुई हैं, जिसके तहत बायो सीएनजी प्लांट और मिल्क पाउडर प्लांट का उद्घाटन और अत्याधुनिक प्रोटीन प्लांट एवं हाई-टेक ऑटोमैटिक पनीर प्लांट का लोकार्पण हुआ।

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