पीएम मोदी और शी जिनपिंग करेंगे भारत-चीन संबंधों की समीक्षा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 27 और 28 अप्रैल को वुहान में होने वाली बैठक के दौरान वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मिलकर रणनीतिक संबंधों की समीक्षा करेंगे;
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि 27 और 28 अप्रैल को वुहान में होने वाली बैठक के दौरान वह चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मिलकर रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में भारत-चीन संबंधों की समीक्षा करेंगे। पीएम मोदी शी जिनपिंग के साथ बैठक के लिए दिल्ली से रवाना हो चुके हैं।
Prime Minister Narendra Modi leaves for Wuhan, #China. He will hold an informal meeting with Chinese President Xi Jinping on 27th & 28th April. pic.twitter.com/uG39OpddIA
#WATCH: PM Narendra Modi leaves for Wuhan, #China. He will hold an informal meeting with Chinese President Xi Jinping on 27th & 28th April. pic.twitter.com/k5P8DprVtW
वहीं दूसरी ओर जिनपिंग पहले ही वुहान पहुंच चुके हैं।
#Chinese President #XiJinping arrived at #Wuhan city in #China ahead of his scheduled informal meeting with Prime Minister #NarendraModi
Read @ANI Story | https://t.co/68hr5kG5Ys pic.twitter.com/9uXLfSIiXG
मोदी ने जारी बयान में कहा, "मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग और द्विपक्षीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों की समीक्षा करेंगे।"
We will also review the developments in India-China relations from a strategic and long-term perspective.
उन्होंने कहा, "हम राष्ट्रीय विकास विशेष रूप से मौजूदा और भावी अंतर्राष्ट्रीय स्थिति को लेकर अपनी प्राथमिकताओं पर चर्चा करेंगे।"
President Xi and I will exchange views on a range of issues of bilateral and global importance. We will discuss our respective visions and priorities for national development, particularly in the context of current and future international situation.
पीएम मोदी ने कहा, "हम रणनीतिक और दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में भारत-चीन संबंधों के घटनाक्रमों की भी समीक्षा करेंगे।"
We will also review the developments in India-China relations from a strategic and long-term perspective.
दोनों देशों के नेताओं की यह बैठक भारत और चीन के बीच संबंधों के जीवंत होने का संकेत है, जो पिछले साल डोकलाम विवाद को लेकर बुरे दौरे से गुजरी।
मोदी के इस दौरे की 1998 के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के दौरे से तुलना की जा रही है, जिन्होंने उस समय चीन के नेता डेंग शियाओपिंग से मुलाकात की थी और 1962 के युद्ध के बाद से दोनों देशों के बीच आए रिश्तों की तल्खी को दूर करने की कोशिश की थी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) मंत्रिस्तरीय बैठकों में शिरकत करने के लिए इस सप्ताह बीजिंग का दौरा किया था।
दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दों के अलावा कई ज्वलंत मुद्दे हैं।