अनफूटे बमों को नष्ट करने के उड़ी में 6 गांवों में लोगों को घर लौटने की अनुमति
पुलिस ने 11 गांवों में अनफूटे बमों के नष्ट न होने पर लोगों को सावधान किया;
जम्मू। सीजफायर के तुरंत बाद सेना और पुलिस के बम डिस्पोजल दस्तों की त्वरित कार्रवाई का नतीजा ही था कि कई गांवों पाक सेना द्वारा दागे गए अनफूअे बमों को नष्ट करने की कार्रवाई तेज कर दी गई थी। इसी का परिणाम था कि बारामुल्ला जिला प्रशासन ने उड़ी सेक्टर में इन अनफूटे बमों के सुरक्षित निपटान के बाद छह गांवों में लोगों को लौटने की अनुमति दे दी है। हालांकि बहुत से एलओसी ओर इंटरनेशनल बार्डर के गांवों मंे यह कवायद जारी है जहां सैंकड़ों की संख्या में अनफूटे हुए गोले खतरा बने हुए थे।
अधिकारियों ने बताया कि कमलकोट, मधान, गौहलान, सलामाबाद (बिजहामा), गंगरहिल और गवाल्टा गांवों में 7 अनफूटे बमों को सफलतापूर्वक निष्क्रिय कर दिया गया है। एलओसी पर हाल ही में हुई तनातनी के बाद सुरक्षा एजेंसियों द्वारा क्षेत्र को सुरक्षित करने के निरंतर प्रयासों के बाद यह मंजूरी दी गई है।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इन छह गांवों से निकाले गए लोग अब अपने घर लौट सकते हैं। पता लगाए गए अनफूटे गोलों के सुरक्षित निपटान की पुष्टि के बाद यह निर्णय लिया गया। हालांकि, अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इन और अन्य क्षेत्रों में अभी भी और अधिक अनफूटे बम मौजूद हो सकते हैं और उनका पता नहीं चल पाया है। जिले में 17 स्थानों पर कुल 20 अनफूटे बम की शुरुआत में सूचना मिली थी।
इस बीच, निवासियों को किसी भी संदिग्ध वस्तु को छूने या उसके पास जाने से बचने और तुरंत बारामुल्ला पुलिस या निकटतम सुरक्षा कर्मियों को रिपोर्ट करने की सख्त सलाह दी गई है। जबकि बारामुल्ला पुलिस ने एक सार्वजनिक सुरक्षा सलाह जारी की है, जिसमें अनफूटे बमों से जान-माल को होने वाले गंभीर खतरे को रेखांकित किया गया है, और निरंतर सतर्कता बरतने का आग्रह किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि जम्मू संभाग के सीमावर्ती जिलों में रात भर स्थिति शांत रही और ड्रोन गतिविधि, गोलीबारी या गोलाबारी की कोई खबर नहीं मिली।
सेना और सुरक्षा बलों ने अपनी चौकसी कम नहीं की और पूरे केंद्र शासित प्रदेश में नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर हाई अलर्ट पर बने रहे, लेकिन रात के दौरान उरी, कुपवाड़ा, पुंछ, राजौरी, जम्मू, सांबा, कठुआ और बांदीपोरा जिलों से किसी भी ड्रोन घुसपैठ या सीमा पार से गोलीबारी व गोलाबारी की खबर नहीं मिली।
वहीं नियंत्रण रेखा (एलओसी) और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) के निकट स्थित गांवों के दो लाख से अधिक निवासियों को सात मई को पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी शुरू होने के बाद सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। कश्मीर घाटी में पुलिस की ओर से जारी एक परामर्श में कहा गया कि सीमावर्ती गांवों में वापस न लौटें। पाकिस्तानी गोलाबारी के बाद वहां गोला-बारूद के बिखरे होने से जान जोखिम में पड़ सकती है।
परामर्श में कहा गया है कि बम निरोधक दस्तों को प्रभावित क्षेत्रों में भेजा जाएगा ताकि गांवों की गहनता से जांच की जा सके और उन सभी गोला-बारूद को हटाया जा सके, जिनसे जान का नुकसान हो सकता है। जानकारी के लिए सीजफायर के बावजूद 2023 में एलओसी के पास बचे हुए गोला-बारूद में विस्फोट होने से 41 लोगों की जान चली गई थी।