'मिनी आईश' के रूप में काम करेगा पटना आईजीआईएमएस का आउटरीच सेंटर : अश्विनी चौबे

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान मैसूर (आईश) में नामांकन प्रवेश परीक्षा के लिए बिहार के छात्रों को दिल्ली नहीं जाना पड़े;

Update: 2021-03-03 23:01 GMT

पटना। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने बुधवार को कहा कि अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान मैसूर (आईश) में नामांकन प्रवेश परीक्षा के लिए बिहार के छात्रों को दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। पटना में भी सेंटर खुलेगा। उन्होंने कहा कि भागलपुर के जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज में चल रहे सेंटर में डिप्लोमा के साथ डिग्री की पढ़ाई की व्यवस्था होगी। इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस पटना कैंपस में संस्थान का आउटरीच सेंटर मिनी आईश के रूप में काम करेगा।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री चौबे बुधवार को अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान की निदेशक प्रोफेसर डॉ. पुष्पावती के साथ बिहार के संदर्भ में समीक्षा बैठक की।

इससे पूर्व दिल्ली में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन एवं केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री विश्व श्रवण दिवस के मौके पर देशभर में अखिल भारतीय वाक एवं श्रवण संस्थान के छह आउटरीच सेंटरों का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।

इसमें पटना स्थित इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईजीआईएमएस) पटना का एक आउटरीच सेंटर शामिल है।

फरवरी 2019 में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने संस्थान के मैसूर मुख्यालय का भ्रमण किया था। इसके उपरांत पटना एम्स में आउटरीच सेंटर खोला गया था।

बिहार के बक्सर के सांसद चौबे ने बताया, "पटना एम्स में आउटरीच सेंटर पहले से है और अब आईजीआईएमएस में भी इसकी व्यवस्था हो गई है। यह मिनी आईश के रूप में काम करेगा। इसमें आधुनिक रूप से जांच एवं इलाज की व्यवस्था होगी, जिससे मूक-बधिर बच्चों को काफी लाभ मिलेगा।"

उन्होंने कहा कि भागलपुर के जवाहरलाल मेडिकल कॉलेज में चल रहे सेंटर में अब डिग्री की भी पढ़ाई होगी। इसकी औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि निदेशक को निर्देशित किया गया है कि भागलपुर सेंटर में चल रहे डिप्लोमा कोर्स के साथ-साथ डिग्री की भी व्यवस्था की जाए।

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