पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब, जाधव के परिवार के साथ की बदसलूकी 

इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से 22 महीने बाद मिलने गई उनकी मॉं और पत्नी के बीच जिस तरह से शीशे की दीवार थी उससे पाकिस्तान का घिनौना चेहरा सबके सामने आ गया है;

Update: 2017-12-26 18:06 GMT

नई दिल्ली।  इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से 22 महीने बाद मिलने गई उनकी मॉं और पत्नी के बीच जिस तरह से शीशे की दीवार थी उससे पाकिस्तान का घिनौना चेहरा सबके सामने आ गया है। 

इस्लामाबाद में कुलभूषण जाधव से मिलने के एक दिन बाद उनकी मां और पत्नी ने मंगलवार को  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की। यह मुलाकात 2 घंटे तक चली। इस मीटिंग के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि यह मुलाकात अमानवीय थी और जाधव के परिवार से जिस तरह का बर्ताव किया गया वह असहनशील है। हमें जिस तरह का आश्वाशन दिया गया था वह पूरा नहीं हुआ। 

#WATCH MEA spokesperson Raveesh Kumar on meeting of #KulbhushanJadhav's mother and wife with Jadhav in Islamabad pic.twitter.com/O6HkKoc7WK

— ANI (@ANI) December 26, 2017


 

आइए आपको बताते है कि रवीश कुमार ने क्या कहा

ऐसा लग रहा था कि जाधव काफी तनाव में थे और दबाव की परिस्थियों मे बात कर रहे थे। उनकी अधिकांश टिप्पणियां स्पष्ट रूप से पाकिस्तान में उनकी कथित गतिविधियों के झूठे कथानक को स्पष्ट रूप से सिखाने के लिए डिजाइन की गई थीं। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नही लग रहा था और उनके शरीर पर चोट के काफी निशान थे जिससे यह साफ है कि उन्हें वहां प्रताड़ित किया जा रहा है। 

It appears that Kulbhushan Jadhav was under considerable stress & speaking in an atmosphere of coercion. Most of his remarks were clearly tutored & designed to perpetuate false narrative of his alleged activities in Pakistan.His appearance also raises questions of his health: MEA

— ANI (@ANI) December 26, 2017


 

सुरक्षा सावधानियों के तहत परिवार के सदस्यों की सांस्कृतिक और धार्मिक संवेदनाओं की अवहेलना हुई। सुरक्षा के नाम पर  जाधव की पत्नी के मंगल सूत्र, चूड़ियां और बिंदी को हटाया गया साथ ही उनके कपड़े भी बदलवाए गए। 

Under pretext of security precautions, cultural and religious sensibilities of family members were disregarded. This included removal of mangal sutra, bangles and bindi, as well as a change in attire that was not warranted by security: Raveesh Kumar, MEA on #KulbhushanJadhav pic.twitter.com/K0v4Rh0EnG

— ANI (@ANI) December 26, 2017


 

पाकिस्तानी प्रेस को कई अवसरों पर परिवार के सदस्यों से संपर्क करने, उन्हें उत्पीड़ित करने और  जाधव के बारे में गलत आरोपों को फैलाने के लिए अनुमति दी गई थी। जबकि यह एक स्पष्ट समझौता था कि मीडिया को पास पहुंचने  की इजाजत नहीं दी जाएगी फिर भी ऐसा हुआ।

 

 जाधव की मां को अपनी मातृभाषा में बात करने से रोका गया था, हालांकि यह स्पष्ट रूप से संचार का प्राकृतिक माध्यम था। वह ऐसा करते समय बार-बार बाधित की जा रही थी। 

अव्यवहारिक रुप से  जाधव की पत्नी के बार-बार अनुरोध पर भी मीटिंग के बाद उनके जूते भी उन्हे वापस नही किए गए।  हम इस संबंध में कार्यवाही करेंगे। 

For some inexplicable reason, despite her repeated requests, the shoes of the wife of Shri Jadhav were not returned to her after the meeting. We would caution against any mischievous intent in this regard: Raveesh Kumar, MEA on #KulbhushanJadhav pic.twitter.com/4q240Zd7h1

— ANI (@ANI) December 26, 2017


 

जिस तरीके से बैठक आयोजित की गई थी और इसके परिणाम स्पष्ट रूप से जाधव की कथित गतिविधियों के झूठे और असंतोषपूर्ण कथन को मजबूत करने का एक प्रयास था। आप सभी सहमत होंगे कि इस अभ्यास में कोई विश्वसनीयता नहीं थी।

The manner in which the meeting was conducted and its aftermath was clearly an attempt to bolster a false and unsubstantiated narrative of Jadhav’s alleged activities. You would all agree that this exercise lacked any credibility: MEA on #KulbhushanJadhav

— ANI (@ANI) December 26, 2017


 

हमें जैसा आश्वासन मिला था उसके विपरीत  बैठक का माहौल परिवार  को डरा रहा था  हालांकि परिवार के सदस्यों ने इस स्थिति को महान साहस और धैर्य के साथ संभाला। 

इन सभी बातों से यह तो साफ हो गया कि जिस तरह से पाकिस्तान ने अपनी हमदर्दी दिखाई वह पूर्ण रुप से प्रॉपेगैंडा था। पाकिस्तान ने जाधव के परिवार से जैसा व्यवहार किया वह अमानवीय था। 
 

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