मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष पड़ा कमजोर, ममता के बाद मायावती का बैठक से किनारा

 केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की कोशिशों को अब दोहरा झटका लगा;

Update: 2020-01-13 12:12 GMT

नई दिल्ली। केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता की कोशिशों को अब दोहरा झटका लगा है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी यहां आज कांग्रेस की ओर से बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में भाग न लेने का ऐलान किया है। कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने यह बैठक नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर विपक्ष की एकजुटता का संदेश देने के लिए बुलाई है। सोमवार की सुबह मायावती ने तीन ट्वीट कर बैठक से दूरी बनाने की बात कह दी। बसपा मुखिया मायावती ने राजस्थान में कांग्रेस से मिले धोखे का हवाला देते हुए कहा कि बाहर से सरकार को समर्थन देने के बाद भी दो बार उनके विधायकों को तोड़ा गया।

1. जैसाकि विदित है कि राजस्थान कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहाँ बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। 1/3

— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020

मायावती ने ट्वीट कर कहा, "जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी इन्होंने दूसरी बार वहां के बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है यह पूर्णतया विश्वासघात है।"

दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा, "ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।"

2. ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी। 2/3

— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020

मायावती ने आगे तीसरे ट्वीट में कहा, "वैसे भी बीएसपी सीएए, एनआरसी आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुन: अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, जेएनयू व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण।"

3. वैसे भी बीएसपी CAA/NRC आदि के विरोध में है। केन्द्र सरकार से पुनः अपील है कि वह इस विभाजनकारी व असंवैधानिक कानून को वापिस ले। साथ ही, JNU व अन्य शिक्षण संस्थानों में भी छात्रों का राजनीतिकरण करना यह अति-दुर्भाग्यपूर्ण। 3/3

— Mayawati (@Mayawati) January 13, 2020

बता दें कि इसके पूर्व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कांग्रेस की इस बैठक में न जाने की बात कही थी। ममता ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वामपंथी दलों की ओर से हिंसा भड़काने के कारण वह 13 जनवरी की बैठक का हिस्सा नहीं बनेंगी।

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