अजय मेहता के बयान पर विपक्षी दलों ने नाराजगी जताई
विपक्षी दलों ने शनिवार को बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त अजय मेहता के बयान पर गंभीर नाराजगी जताई है।;
मुंबई। विपक्षी दलों ने शनिवार को बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त अजय मेहता के बयान पर गंभीर नाराजगी जताई है। मेहता ने अपने बयान में कहा था कि वह 29 दिसंबर के पब अग्निकांड की जांच को धीरे-धीरे आगे बढ़ाने के लिए दबाव में थे। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी।
कांग्रेस की मुंबई इकाई के अध्यक्ष संजय निरूपम ने मेहता की कड़ी आलोचना की और नगर निगम पर दबाव बनाने वाले राजनेता का नाम उजागर करने और उसे बेनकाब करने की चुनौती दी। नगर निकाय पर शिवसेना का कब्जा है।
निरूपम ने कहा, "मेहता को राजनेताओं की तरह नहीं बोलना चाहिए। उन्हें संदिग्ध बयान नहीं देने चाहिए। उनका नाम उजागर करें, जिन्होंने आपसे जांच धीमी करने के लिए दवाब डाला।"
निरूपम ने आईएएनएस को बताया, "मैं दोहराता हूं कि इस घटना के लिए वह जिम्मेदार हैं और इसके लिए उन पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए।"
उन्होंने बीएमसी आयुक्त से यह भी कहा कि वह कमला मिल कंपाउंड परिसर में मौजूद 17-18 पब और बार के सभी मालिकों के नाम उजागर करें। जहां पिछले सप्ताह लगी आग में 55 अन्य लोग घायल हो गए थे।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रवक्ता संदीप देशपांडे ने इस मामले में सच बाहर लाने के लिए मेहता का नार्को परीक्षण किए जाने की मांग की।
देशपांडे ने कहा, "कमला मिल परिसर में अवैध निर्माण के खिलाफ किसने मेहता को धीमी कार्रवाई करने को कहा। वह सत्तारूढ़ शिवसेना थी या फिर विपक्षी भैया (कांग्रेस)।"
मुंबई दमकल विभाग (एमएफबी) द्वारा पब में लगी आग के मामले में जांच रपट जमा कराने के बाद मेहता का विवादित बयान शुक्रवार देर रात आया।
एमएफबी रपट में स्पष्ट रूप से पुष्टि की गई है कि मोजो के बिस्ट्रो में लगी आग बहुत जल्दी से उससे लगे 1एबव और अन्य परिसरों में फैल गई। जिससे वहां मौजूद करीब 400 से 500 लोग उस दर्दनाक रात में फंस गए थे।
आईएएनएस ने 29 दिसंबर को बीएमसी अधिकारी के हवाले से कहा था कि सबसे पहले आग मोजो के बिस्ट्रो में लगी थी। बीएमसी आयुक्त मेहता अगले सप्ताह रपट को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सामने पेश करेंगे।