विपक्षी सदस्यों ने पिछड़ा वर्ग आयोग को कमज़ोर करने का आरोप लगाया

विपक्षी सदस्यों के पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग को मोदी सरकार द्वारा कमजोर किये जाने के आरोप लगाते हुये राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी;

Update: 2017-03-28 12:32 GMT

नयी दिल्ली।  विपक्षी सदस्यों के पिछड़ा वर्ग आयोग, अनुसूचित जाति आयोग, अनुसूचित जनजाति आयोग और अल्पसंख्यक आयोग को मोदी सरकार द्वारा कमजोर किये जाने के आरोप लगाते हुये किये गये हंगामे के कारण आज राज्यसभा की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी और शून्यकाल नहीं हो सका।

सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने पर समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने पिछड़ा वर्ग आयोग, एससी आयोग, एसटी आयोग और अल्पसंख्यक आयोग को कमजोर किये जाने के आरोप लगाते हुये इस पर नियम 267 के तहत सदन में चर्चा कराने की मांग की।

इन दोनों सदस्यों के अपनी बात रखने के बाद शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने इस मुद्दे पर सरकार का पक्ष रखने की कोशिश की लेकिन कांग्रेस, सपा और बसपा के सदस्य हंगामा करने लगे। इसी दौरान जनता दल युनाइटेड के शरद यादव और सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी इस मुद्दे पर बोलने की कोशिश करने लगे।

तीनों विपक्षी दलों के सदस्यों के नारेबाजी करते हुये सदन के बीचोंबीच पहुंचने पर सत्ता पक्ष के सदस्य भी अपनी सीटों से उठकर नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान श्री नायडू ने कहा कि यह मुद्दा सिर्फ राजनीतिक हथकंड़े के रूप में उठाया जा रहा है। प्रधानमंत्री स्वयं पिछड़े वर्ग से हैं।

सभी आयोग काम कर रहे हैं और जाे पद खाली पड़े हुये उन्हें भरने की प्रक्रिया जारी है। आयोग के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं किया जाता है। इस पर कांग्रेस, सपा और बसपा के सदस्य “जुमलेबाजी बंद करो बंद करो ” के नारे लगाते रहे। राज्य सभा उप सभापति पी जे कुरियन ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की लेकिन अंतत:उन्होंने सदन की कार्यवाही 11.16 बजे 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
 

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