सिर्फ पांच बिल्डर कब्जा देने को तैयार

नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदारों व बिल्डर्स की समस्या का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री ने 12 सितम्बर में लखनऊ में मंत्रिसमूह व तीनों प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठक की थी;

Update: 2017-09-16 13:56 GMT

ग्रेटर नोएडा।  नोएडा-ग्रेटर नोएडा में फ्लैट खरीदारों व बिल्डर्स की समस्या का समाधान करने के लिए मुख्यमंत्री ने 12 सितम्बर में लखनऊ में मंत्रिसमूह व तीनों प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जिसमें मुख्यमंत्री ने दो माह के अंदर 50 हजार निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा देने का आदेश दिया था। उस दौरान बिल्डरों ने मुख्यमंत्री के सामने कब्जा देने का वादा किया। कंप्लीशन व फ्लैट पर कब्जा देने को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ देवाषीश पांडा ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में बिल्डरों के साथ बैठक की।

बिल्डरों से सवाल जवाब शुुरू किया कि कब्जा प्रोजेक्ट पूरा कर, कर 50 हजार निवेशकों को फ्लैट पर कब्जा देंगे। इनमें सिर्फ  पांच बिल्डर ही दो माह के अंदर फ्लैट पर कब्जा देने को तैयार हुए बाकी बिल्डर कब्जा देने के नाम पर समस्याएं गिनाते रहे। बिल्डरों ने प्राधिकरण ने दो से तीन माह के समय की मांग रखी।  सीईओ देवाषीश पांडा ने शुक्रवार को 32 बिल्डरों की बैठक बुलाई थी। जिसमें 18 बिल्डर पहुचे। बाकी 14 बिल्डर अनुपस्थित रहे। सीईओ बिल्डरों से सवाल जवाब शुरू किया कि दो माह के अंदर 50 हजार निवेशकों को किस तरह फ्लैट पर कब्जा देंगे।

अभी तक प्रोजेक्ट की स्थिति क्या है और कंप्लीशन सार्टीफिकेट के लिए आवेदन कब तक करेंगे। इनमें से मात्र हैबीटेट, निराला, ज्योतिमय, अर्थकान समेत पांच बिल्डर है दो माह के अंदर फ्लैट पर कब्जा देने को तैयार हुए। इन बिल्डरों ने कहा कि उनका प्रोजेक्ट पूरी होने को है एक सप्ताह के अंदर कंप्लीशन सार्टीफिकेट के लिए आवेदन कर देंगे। कंप्लीशन मिलने के साथ फ्लैट पर कब्जा देना शुरू कर देंगे। बाकी मौजूद अन्य बिल्डर प्रोजेक्ट पूरा होने में देरी का हवाला देते हुए तीन से चार माह के समय की मांग रखी। सीईओ ने कहा कि पहले भी समय दिया जा चुका है, ऐसे में मुख्यमंत्री के आदेश का पालन करना उनकी प्राथमिकता होगी। इसलिए प्रोजेक्ट जल्द पूरा कर कब्जा देना शुुरू करें। 

शून्य काल अवधि का मांगा दस्तावेज 

मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में बिल्डरों ने शून्य काल अवधि की मांग रखी थी। सीईओ ने शुक्रवार को मौजूद बिल्डरों से कहा कि जीरो पीरियड का लाभ किस आधार पर दिया जाए। इसका फायदा जब तक पहले उठा चुके है। सीईओ ने बिल्डरों से पूरा दस्तावेज मांगा कि उन्हें जमीन कब आबंटित किया गया, जमीन पर कब्जा कब मिला, कब्जा मिलने के बाद विवाद के चलते उनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया इसकी पूरी रिपोर्ट जमा करे इसके बाद ही जीरो पीरियड के बारे में विचार किया जाएगा। 

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