गाय को ‘राज्यमाता’ का दर्जा दिए जाने पर देवेंद्र फडणवीस ने कहा, किसानों के लिए वरदान है देसी गाय

महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले गाय को 'राज्यमाता' का दर्जा दिया है;

Update: 2024-10-01 09:55 GMT

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले गाय को 'राज्यमाता' का दर्जा दिया है। राज्य सरकार ने सोमवार को इस संबंध में एक आदेश भी जारी किया। एकनाथ शिंदे सरकार के इस फैसले पर डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि देसी गाय किसानों के लिए वरदान है, इसलिए हमने उन्हें 'राज्यमाता' का दर्जा देने का निर्णय लिया है।

देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "देसी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं। हमारी सरकार ने यह फैसला किया है कि उन्हें ‘राज्यमाता’ का दर्ज दिया जाए। इसके अलावा हमने गौशालाओं में देशी गायों के पालन-पोषण के लिए आर्थिक सहायता राशि बढ़ाने का फैसला किया है।"

सोमवार को कैबिनेट बैठक में एकनाथ शिंदे सरकार ने गाय को 'राज्यमाता' का दर्जा देने का फैसला लिया। सरकार द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, "प्राचीन काल से ही गाय ने इंसान के दैनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वैदिक काल से ही गायों के धार्मिक, वैज्ञानिक और आर्थिक महत्व को देखते हुए उन्हें "कामधेनु" के रूप में संबोधित किया जाता था। राज्य के कुछ हिस्सों में देशी गायें पाई जाती हैं। इसमें लाल कंधारी, देवनी, खिल्लार, डांगी और गवलाऊ नस्ल की गायें शामिल हैं। हालांकि, देशी गायों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है। कृषि में देशी गायों के गोबर और मूत्र के महत्व को देखते हुए इनकी संख्या में गिरावट चिंता का विषय है।"

इसमें कहा गया, "किसानों को देशी गायों को पालने के ल‍िए प्रेरित करने को सरकार ने यह फैसला क‍िया है। वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गायों के महत्वपूर्ण स्थान, आयुर्वेद चिकित्सा में इनकी उपयोगि‍ता, गाय के दूध व घी का मानव आहार में महत्‍व, पंचगव्य उपचार प्रणाली और गाय के गोबर व गोमूत्र की जैविक खेती में उपयोगि‍ता को ध्यान में रखते हुए देशी गायों को अब से 'राज्यमाता' कहा जाएगा।"

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