एनआरसी भविष्य के लिए : सीजेआई

देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रविवार को यहां कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) 'भविष्य के लिए मूल दस्तावेज;

Update: 2019-11-03 17:16 GMT

नई दिल्ली। देश के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रविवार को यहां कहा कि असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) 'भविष्य के लिए मूल दस्तावेज है' और 'शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए एक जरूरी पहल है।' न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि असम एनआरसी सिर्फ आज के समय का दस्तावेज नहीं है। उन्होंने कहा कि यह भविष्य के दावों को निर्धारित करने में मददगार होगा। प्रधान न्यायाधीश, मृणाल तालुकदार की किताब 'पोस्ट कॉलोनियल असम' के विमोचन पर बोल रहे थे।

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, "उन्नीस लाख या 40 लाख कोई मुद्दा नहीं है। बल्कि यह भविष्य के लिए आधार दस्तावेज है। भविष्य के दावों को निर्धारित करने के लिए इस दस्तावेज का जिक्र कर सकते हैं। मेरी राय में एनआरसी का वास्तविक महत्व आपसी शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में है।"

न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि एनआरसी पर राष्ट्रीय संवाद के दौरान टिप्पणीकारों ने एक विकृत तस्वीर पेश की है।

उन्होंने एनआरसी पर आक्षेप लगाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों की निंदा की।

उन्होंने कहा, "सोशल मीडिया और इसके टूल का इस्तेमाल बहुत से टिप्पणीकारों द्वारा इस मुद्दे पर दोहरी बात करने के लिए किया गया है। उन्होंने एक लोकतांत्रिक संस्थान पर दुर्भावना से प्रेरित होकर आक्षेप लगाना शुरू किया है।"

Full View

Tags:    

Similar News