अब महंगा पड़ेगा घर लेना बढ़ेगा ईएमआई का बोझ

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने बढ़ती महंगाई विशेषकर ईंधनों की कीमतों में तेजी के मद्देनजर साढ़े चार साल बाद नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है;

Update: 2018-06-07 01:32 GMT

नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने बढ़ती महंगाई विशेषकर ईंधनों की कीमतों में तेजी के मद्देनजर साढ़े चार साल बाद नीतिगत ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। मुख्य नीतिगत रेपो रेट छह प्रतिशत से बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत कर दी गई है। इससे बैंक कर्ज महंगा कर सकते हैं। इससे आम उपभोक्ताओं के लिए आवास और वाहन कर्ज की ईएमआई के साथ उद्योगों के लिए भी पूंजी महंगी हो सकती है।

आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल ने समिति की बैठक के बाद बताया कि रेपो दर के अनुरूप रिवर्स रेपो दर भी 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर छह प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फसिलिटी दर तथा बैंक दर बढ़ाकर 6.50 प्रतिशत कर दिए गए हैं। हालांकि, समिति ने अपना रुख निरपेक्ष बनाए रखने की घोषणा की है। छह सदस्यीय समिति ने नीतिगत दरों में बढ़ोतरी का फैसला सर्वसम्मति से किया। इससे पहले आखिरी बार जनवरी 2014 में रेपो दर बढ़ाई गई थी जब इसे 7.75 प्रतिशत से आठ प्रतिशत किया गया था। 

जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार

रिजर्व बैंक ने 2018-19 के लिए जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई ने 2018-19 की पहली छमाही के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 4.8-4.9 प्रतिशत तथा दूसरी छमाही के लिए 4.7 प्रतिशत किया। 

बैंकों ने कर्ज महंगा करना शुरू किया

रिजर्व बैंक के ब्याज दरों पर फैसले के पहले ही कई बैंकों ने अपने कर्ज महंगे कर दिए हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा ने मंगलवार को अपने एमसीएलआर में 0.05 फीसदी की बढ़ोतरी की है। ये दरें सात जून से लागू होंगी। इससे पहले एसबीआई, पीएनबी और आईसीआई बैंक भी अपनी ब्याज दरें बढ़ा चुके हैं।

आइये ऐसे समझें, कैसे पड़ेगा जेब पर फर्क

मान लीजिए आप ने किसी बैंक से 8.45 फीसदी की दर से 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का कर्ज लिया है। इस हिसाब से आप मौजूदा समय में 25,940 रुपए की किश्त हर महीने भरते हैं। रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद ब्याज दर 8.45 फीसदी से बढ़कर 8.70 फीसदी हो जाएगी। इस बदलाव के साथ आपके होम लोन की ईमएआई में हर महीने 476 रुपए की बढ़ोतरी होगी। इस बढ़ोतरी के साथ आपको 26,416 प्रति माह ईएमआई भरनी होगी। 

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